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चोर, उचक्के, तड़ीपार, जे0पी की शरण में…

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पिछले 5 दशकों से अधिक प्रबन्ध के क्षेत्र में परामर्शदाता, प्रशिक्षक व अन्वेषक का अनुभव व दक्षता-प्राप्त विष्णु श्रीवास्तव आज एक स्वतंत्र विशेषज्ञ हैं। वह एक ग़ैर-सरकारी एवं अलाभकारी संगठन “मैनेजमैन्ट मन्त्र ट्रेनिंग एण्ड कन्सल्टेन्सी” के माध्यम से अपने व्यवसाय में सेवारत हैं। इस संगठन को श्री श्री रविशंकर का आशीर्वाद प्राप्त है। विष्णु श्रीवास्तव ने “आर्ट ऑफ़ लिविंग” संस्थान से सुदर्शन क्रिया व अग्रवर्ती योग प्रशिक्षण प्राप्त किया। उन्हें अंग्रेज़ी साहित्य व ‘बिज़नेस मैनेजमैन्ट’ मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त हैं। वह “वरिष्ठ नागरिकों की आवाज़” नामक ग़ैर-गैरकारी संगठन में सक्रिय रूप से जुड़े हैं। इनके कई व्यावसायिक लेख “प्रॉड्क्टीविटी” और “इकोनोमिक टाइम्स” मे प्रकाशित हो चुके हैं।
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समय की कैसी विडम्बना है कि देश के ‘क्लीन चिट’ प्राप्त कुख्यात चोर, उचक्के, हत्यारे, तड़ीपार, अपराधी, भ्रष्टाचारी आज केवल चुनाव जीतने के लिए लोकनायक जयप्रकाश नारायण की शरण में दौड़ रहे हैं। क्या इन लोगों ने कभी अपने जीवनकाल में 11 अक्टूबर को जयप्रकाश जी का जन्मदिन मनाया है? क्या इन्हें मालूम भी है जे0पी0 की जन्म तिथि 11 अक्टूबर है? क्या इन्होंने अपने समस्त जीवनकाल में जे0पी0 के एक भी आदर्श का पालन किया है? यदि आज जे0पी0 जीवित होते तो क्या वे इन्हें आशीर्वाद देने के बजाय इन्ही के विरुद्ध एक नया आन्दोलन शुरू नही करते?

देश मे अब वह समय आ गया है कि सभी भ्रष्टाचारी और अपराधी अपनी-अपनी दुकानें लोहिया, जयप्रकाश नारायण, बाबा साहब अम्बेडकर के नाम से चला रहे हैं। आज भी हम देश की जनता इतनी नासमझ है कि हर दिन उल्लू बनती जा रही है। क्यों हम यह भूल जाते हैं कि लोहिया, जयप्रकाश नारायण, बाबा साहब अम्बेडकर के नाम का शोषण कर आज इन चोर, उचक्के, हत्यारे, तड़ीपार, अपराधी, भ्रष्टाचारी लोगों ने अपनी आने वाली सात पीढ़ियों के लिए अपार धन सम्पति बना ली है। आज इनका नाम देश के बड़े आयकर दाताओं की सूची में आता है। शोषण किया है हर दलित, गरीब, अल्प संख्यक, पिछड़े का। लोहिया, जयप्रकाश नारायण, बाबा साहब अम्बेडकर की दी गई समाजवाद और लोकतंत्र की परिभाषा बदल दी है। कहां है अब देश में लोकतत्र और समाजवाद? लोकतंत्र अब दयनीय “प्रजातंत्र” (एक राजा और देश उसकी प्रजा) बनने की ओर है और समाजवाद अब पारिवारिक समाजवाद बन गया है। बहुत खतरनाक “अजेन्डा” है इन सत्ता और राजनीतिक दलालों का जो कि सिद्धान्त विहीन राजनीति करके देश को गर्त में धकेल रहे हैं। सावधान रहें।

क्यों हम हमेशा गुमराह हो जाते हैं इनके तिलस्म से?

भगाओ इन कुख्यात चोर, उचक्के, हत्यारे, तड़ीपार, अपराधी, भ्रष्टाचारियों को बिहार से बाहर। Teach them a lesson in elections.

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