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जेटली जी उस अधिकारी राजेन्द्र कुमार को भ्रष्ट कह रहे हैं जिसने २५ साल की अपनी नौकरी में २५-३० लाख कमाया वह भी “सलेरी अकाऊंट” में. उसके घर से केवल दो बोतल विदेशी शराब का पाया जाना उसे इतना बड़ा गुनाहगार सिद्ध करता है? अवश्य सी०बी०आई से जाँच कराए. लेकिन जेटली जी की ३० करोड़ की सम्पति १.५ साल में १३० करोड़ रुपये कैसे हो गई इस पर चुप हैं. DDCA में १५० करोड़ का कथितं घोटाला करके भी आज ईमानदार बने हुए हैं. खुद ही आरोपी और खुद ही जज बने हुए हैं. समझते हैं कि केवल उनके नकारने से वह ईमानदार बने रहेंगे. किसी न्यायायिक या संयुक्त संसदीय समिति या किसी जांच आयोग की आवश्यकता नही है. उनका नकारना ही देश का कानून है.
क्यों आज देश के जानेमाने वकील राम जेठमलानी और उन्ही की पार्टी के सुब्रमणियास्वामी जेटली जी को विदेश में काले धन जमा करनेवालों का संरक्षक मानते है?
क्यों आज सुब्रमणियास्वामी इस घोटाले में जेटली जी के विरुद्ध अदालत में जाने की सलाह अरविंद केजरीवाल को दे रहे है? क्यों आज सुब्रमणियास्वामी इस घोटाले में जेटली जी के विरुद्ध कानूनी तौर पर अरविंद केजरीवाल का साथ देने को तैयार हैं?
क्यों इन्ही की पार्टी के सासद कीर्ति आज़ाद ने जेटली जी के १५ साल के कार्यकाल में हुए घोटलो की शिकायत प्रधानमंत्री मोदी जी से की? क्यों वह अपनी पार्टी के भारी दवाब के बावजूद अपनी लिखित शिकायत वापस लेने को तैयार नहीं हैं? क्यों कहते है कि अर्विन्द केजरीवाल ने तो इस घोटाले का केवल १५% ही हिस्सा उजागर किया है.शेष ८५% वे स्वय रविवार २० दिसम्बर को देश के सामने प्रस्तुत करेगे.
क्यों इन्ही के सांसद और फिल्म जगत की मशहूर हस्ती शत्रुघ्न सिन्हा इस मामले में जांच की और जांच के दौरान जेटली जी के त्यागपत्र की मांग कर रहे है?
क्यों क्रिकेट की जानी-मानी हस्ती बिशन सिह बेदी देश के सामने इस घोटाले का पूरा चिट्ठा रखना चाहते है?
क्यों इन्ही की पार्टी के भारत की क्रिकेट टीम के नवजोत सिंह सिद्धू इस जांच के पक्षधर है?
क्यों भारत की क्रिकेट टीम के सुरिन्द्र खन्ना और दिल्ली क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव समीर बहादुर मामले में जांच की मांग कर रहे है?
क्यों सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मार्कण्डेय काटजू जेटली जी का त्यागपत्र माँग कर उनसे जांच का सामना करने की सलाह दे रहे है?
क्यों पंजाब पुलिस के पूर्व महा निदेशक के०पी०एस गिल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को अरुण जेटली के विरुद्ध हाकी इंडिया में की गई धांधली, भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार के आरोप की शिकायत भेजी है? हाकी इंडिया की सलाहकार बोर्ड की सदस्यता के अपने कार्यकाल में जेटली जी ने अपनी बेटी सोनाली जेटली को हाकी इंडिया का कानूनी सलाहकार नियुक्त करवा कर उसे बहुत भारी भरकम रकम उसकीं फीस की तरह दिलवाई?
जेटली जी और भ्रष्टाचार में डूबी भाजपा को चाहे नज़र न आता हो क्या देश की जनता को दाल में कुछ भी काला नज़र नही आता?
कितनी बेशर्मी से भाजपा का शीर्ष नेतृत्व कहता है की आडवाणी जी की तरह जेटली जी बेदाग़ छूट जाएगे बिना किसी जांच के?
क्यों भूल जाते है कि आडवाणी जी ने उच्च आदर्श पेश कर जांच के दौरान अपने पद से इस्तीफा दे दिया था? जेटली जी ऐसा क्यों नही करते?
क्या देश से इतनी उठती हुईं आवाज़ इस बात का संकेत नही देती की दाल में कुछ काला है? जांच करवाने पर हो सकता कि पूरी दाल ही काली निकले.
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