Menu
blogid : 4346 postid : 1107746

मोदी जी के भ्रष्टाचार के खिलाफ़ घड़ियाली आंसू

mystandpoint
mystandpoint
  • 30 Posts
  • 36 Comments

पिछले 5 दशकों से अधिक प्रबन्ध के क्षेत्र में परामर्शदाता, प्रशिक्षक व अन्वेषक का अनुभव व दक्षता-प्राप्त विष्णु श्रीवास्तव आज एक स्वतंत्र विशेषज्ञ हैं। वह एक ग़ैर-सरकारी एवं अलाभकारी संगठन “मैनेजमैन्ट मन्त्र ट्रेनिंग एण्ड कन्सल्टेन्सी” के माध्यम से अपने व्यवसाय में सेवारत हैं। इस संगठन को श्री श्री रविशंकर का आशीर्वाद प्राप्त है। विष्णु श्रीवास्तव ने “आर्ट ऑफ़ लिविंग” संस्थान से सुदर्शन क्रिया व अग्रवर्ती योग प्रशिक्षण प्राप्त किया। उन्हें अंग्रेज़ी साहित्य व ‘बिज़नेस मैनेजमैन्ट’ मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त हैं। वह “वरिष्ठ नागरिकों की आवाज़” नामक ग़ैर-गैरकारी संगठन में सक्रिय रूप से जुड़े हैं। इनके कई व्यावसायिक लेख “प्रॉड्क्टीविटी” और “इकोनोमिक टाइम्स” मे प्रकाशित हो चुके हैं।
———————————————————————————————
20 मई, 2014 को ‘नेशनल इलेक्शन वाच” (National Election Watch) और ‘ऐसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफ़ार्मस’ (Association for Democratic Reforms) ने माननीय प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र भेजा जिसमें उनका ध्यान एक विचलित करनेवाले तथ्य की ओर आकर्षित किया गया कि नव गठित 16वीं लोकसभा में अच्छी-खासी संख्या (112 यानि कि 21%) में ऐसे सदस्य हैं जिनके विरुद्ध गम्भीर अपराधिक मामले चल रहे हैं। प्रधानमन्त्री से अनुरोध किया गया कि वह अपने मंत्रिमण्डल में साफ़-सुथरी छवि के प्रतिनिधियों को शामिल करें। इसी प्रकार उच्चतम न्यायालय ने भी मंत्रिमण्डल गठन करने के प्रधानमन्त्री के अधिकार को स्वीकार करते हुए आशा प्रकट की थी कि साफ़-सुथरी छवि के प्रतिनिधियों को ही शामिल किया जाएगा।

श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रतिबद्धता दिखाते हुए कहा कि उन लोकसभा सदस्यों की जिन्होनें अपने ऊपर चलने वाले अपराधिक मामलों की घोषणा स्वंय की है उनकी गम्भीरता से समीक्षा करेंगे और त्वरित न्यायालयों (Fast track courts) द्वारा उन पर निर्णय लिया जाएगा। उच्चत्तम न्यायालय को भी आश्वासन दिया गया था कि और अधिक त्वरित न्यायालयों (Fast track courts) की स्थापना कर एक साल के अन्दर ऐसे सभी अपराधिक मामलों को निपटा दिया जाएगा। पर क्या हुआ? आज भी मंत्रिमण्डल में 13 मंत्री ऐसे हैं जिन पर अपराधिक मामले चल रहे हैं, जिसमे से 8 पर हत्या के प्रयास, साम्प्रदायिक सदभावना बिगाड़ने, अपहरण और चुनाव नियमों का उलंघन करने आदि जैसे गम्भीर अपराधिक मामले दर्ज हैं।

आज लोकसभा में 541 सदस्यों में से 186 ( 34.4%) सदस्य ऐसे हैं जिन पर अपराधिक और गम्भीर अपराधिक मामले चल रहे हैं। कुल 186 आरोपित अपराधियों में से 98 (53%) भाजपा के हैं। देश और सर्वोच्च न्यायालय को यह बताने के बजाय कि इस भयावह स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने पिछले 16 महिनों मे क्या किया, आज पीछे पड़े हैं अरविन्द केजरीवाल के त्यागपत्र मांगने के लिए जिसने कि अपने आरोपित खाद आपूर्ति मंत्री आसिम अहमद खान को उसके पद से हटा कर जांच केन्द्रीय सरकार की सी0बी0आई0 को सोंप दी है।

मोदी जी क्या आप इतना साहस जुटा पाए कि भ्रष्टाचार के आरोपित अपने मंत्री और मुख्यमंत्रियों के त्यागपत्र मांग कर उनके विरुद्ध सी0बी0आई0 या न्यायिक जांच करवा सकें? अपने भ्रष्टाचारियों के मामलों में आपकी भ्रष्टाचार संरक्षण समिति खुद ही जाँचकर्ता और खुद ही न्यायालय हैं। हर गम्भीर भ्रष्टाचार का मामला कालीन के नीचे दबा दिया जाता है। अण्णा हज़ारे का कहना है कि यदि काँग्रेस भ्रष्टाचार में ग्रैजुएट है तो भाजपा भ्रष्टाचार में पी0एच0डी0 है। यह कैसी लड़ाई है आपकी भ्रष्टाचार के विरुद्ध? क्या सुषमा स्वराज, राजस्थान मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे सिंधिया, मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री रमन सिंह, पंकजा मुण्डे के विरुद्ध आरोप गम्भीर नही हैं? केवल उच्चतम न्यायालय के आदेश पर ही व्यापक व्यापम घोटाले का मामला निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई को सोंपा गया। आपकी सरकार ऐसा करने के लिए पहले तैयार नही थी। क्या हर भ्रष्टाचार के मामले में जनहित याचिका और उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद कार्यवाही की जाएगी?

विदेश में देश की मर्यादा और प्रधानमन्त्री पद की गरिमा के विरुद्ध अपनी वाहवाही लूटने के लिए ढिंढोरा पीटना कि सरकार के 16 महिने के कार्यकाल में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ, तो होगा कैसे जब कि सभी भ्रष्टाचारियों को पहले से ही निर्दोष मान लिया गया है? वही कांग्रेस का रवैया कि यदि आपको शिकायत है तो न्यायालय के दरवाजे खुले हैं। हर दिन संवेदना विहीन सरकार के विरुद्ध जनहित याचिका दाखिल कीजिए। किस आम आदमी के पास इतना समय, पैसा और सामर्थ है एक साधन सम्पन्न सरकार के विरुद्ध ऐसा करने की? किस तरह से सी0बी0आई0 का दुरुपयोग कर देश के बड़े से बड़े भ्रष्टाचारी को बचा कर ‘क्लीन चिट’ दी जाती है क्या देश नही जानता? देश की वर्तमान दयनीय और सोचनीय व्यवस्था को केवल ईश्वर ही सुधार सकता है। लेकिन इस काम में निसदेह ईश्वरीय प्रेरणा से अरविन्द पूरी तरह से लगा हुआ है।

एक होते हैं बेशर्म और उनसे बढ़ कर होते हैं महा बेशर्म। एक छलनी सूप को उलाहना देती है कि देख सूप तुझमें कितने छेद!

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh