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राजनीति में गाली-गलौच के नये आयाम!

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पिछले 5 दशकों से अधिक प्रबन्ध के क्षेत्र में परामर्शदाता, प्रशिक्षक व अन्वेषक का अनुभव व दक्षता-प्राप्त विष्णु श्रीवास्तव आज एक स्वतंत्र विशेषज्ञ हैं। वह एक ग़ैर-सरकारी एवं अलाभकारी संगठन “मैनेजमैन्ट मन्त्र ट्रेनिंग एण्ड कन्सल्टेन्सी” के माध्यम से अपने व्यवसाय में सेवारत हैं। इस संगठन को श्री श्री रविशंकर का आशीर्वाद प्राप्त है। विष्णु श्रीवास्तव ने “आर्ट ऑफ़ लिविंग” संस्थान से सुदर्शन क्रिया व अग्रवर्ती योग प्रशिक्षण प्राप्त किया। उन्हें अंग्रेज़ी साहित्य व ‘बिज़नेस मैनेजमैन्ट’ मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त हैं। वह “वरिष्ठ नागरिकों की आवाज़” नामक ग़ैर-गैरकारी संगठन में सक्रिय रूप से जुड़े हैं। इनके कई व्यावसायिक लेख “प्रॉड्क्टीविटी” और “इकोनोमिक टाइम्स” मे प्रकाशित हो चुके हैं।

गरीब होना, साधन हीन होना, चाय वाला होना, दलित होना, जीवन के सारे उतराव चढ़ाव देखना कोई अभिशाप नहीं है। इन सभी प्रक्रियाओं से बहुत भाग्यशाली व्यक्ति ही गुज़रते है। वे सभी स्वावलम्बी होते हैं। उनकी परवरिश में कोई कमी नज़र नहीं आती। परन्तु इसी कमी होने के कारण अपने विरोधी को बन्दर, मदारी, राक्षस, नक्सली, उपद्रवी गोत्र वाला, विदेशी एजेन्ट, बदनसीब, अराजक, धरना प्रदर्शन करने वाला, जंगली, भगोड़ा, बाज़ारू, विषाक्त (Toxic), “रामज़ादे-हरामज़ादे”, रगे हाथ पकड़े जानेवाला हवाला आरोपी आदि-आदि कहने वालों ने कभी अपने खुद के गोत्र (DNA) की जांच करवाई है? क्या कमी रह गई परवरिश में? परिवार से इनकी परवरिश में अवश्य कोई चूक हुई होगी।

मोहन भागवत जी क्या यह संस्कृति सुसंस्कृत, सेवा समर्पित और सभ्य राष्ट्रीय स्वंय सेवक सघ की नवीन देन है? क्यों कि इनमें से अधिकतर भाजपाई आपके संगठन द्वा्रा प्रशिक्षित हैं? इससे पहले तो भाजपा के किसी कद्दावर नेता ने मेरे विचार से इस तरह की गली-कूचे वाली, सड़क छाप, अभद्र और कड़वी भाषा का प्रयोग अपने विरोधियों के लिये नहीं किया। क्या आपके प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में इस नई संस्कृति को लाया गया है? मुझे तो अभी भी विश्वास नहीं होता कि ऐसा किया गया होगा।

तो फ़िर इस आलौकिक प्रशिक्षण का श्रोत “अखिल भारतीय अपराध एवम् भ्रष्टाचार संरक्षण सघ”और उनकी सहयोगी संस्था “प्रगतिशील गुन्डागर्दी एवम् गाली-गलौंच अकादमी” हैं? जिसके मुख्य फ़ैकल्टी यही गाली गुफ़्तार के विशेषज्ञ लोग है? कैसी संस्कृति लाना चाहते हैं देश में यह लोग? देश सब कुछ देख रहा है। क्या नहीं जानते कि इनकी इन्ही हरकतों से २०१९ में कांग्रेस की तरह जनता इनका सूपड़ा भी साफ़ कर देगी?

दिल्ली के जागरूक नागरिकों ने इन सभी को इनको DNA प्रमाणपत्र दे दिया।

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