मेरा नज़रिया
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संक्षेप में हम यह कह सकते हैं कि किसी भी कॉलेज में जूनियर्स या नवागंतुकों का आगमन एक खुशनुमां माहौल होना चाहिए. इस माहौल को रैगिंग के जरिये गम के माहौल में बदलने की इजाजत किसी भी सीनियर को नहीं दी जानी चाहिए. आपके घर में मेहमान आते हैं तो क्या आप उनकी रैगिंग करते हैं? अगर नहीं, तो फिर कॉलेज में अध्ययन करने आए इन मेहमानों की रैगिंग क्यों? आपको तो उनका सम्मान करना चाहिए, ताकि वे बाहर जाकर आपके घर या कॉलेज की शिकायत न करें. सीनियर विद्यार्थी क्या इतना भी नहीं समझते? फिर तो कॉलेज में पढ़ना ही बेकार है, बेहतर है वे घर पर ही बैठें!
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