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“आप” तो ऐसे न थे

मेरे विचार
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8 दिसंबर के बाद से आम आदमी पार्टी मीडिया में छाई हुई है। हर तरफ आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की चर्चा हो रही है। चर्चा हो रही तो आलोचना भी होगी। हाल ही में दिल्ली की गद्दी पर सत्तासीन हुए अरविंद केजरीवाल ने चुनाव में देश व दिल्ली की जनता के बीच इतनी सारी उम्मीदें जगा दी है कि उन्हें अपना हर कदम फूंक-फूंक कर रखना होगा। मीडिया से व्यापक तौर पर मिली कवरेज से आम आदमी पार्टी को चुनावों में काफी लाभ हुआ, जिससे 13 महीने पहले गठित यह पार्टी देखते ही देखते इतनी ताकतवर हो गई कि इसने पहले से स्थापित पार्टियों को नए सिरे से सोचने व सीखने पर मजबूर कर दिया।
मगर अभी दिल्ली में आप कि सरकार बने चंद दिन भी नहीं हुए हैं कि “आप” के अंदर ही अंदरूनी कलह सड़कों पर दिखाई देने लगी है ,जिसके चलते “आप ” की छवि जनता के बीच बेहद ख़राब हो रही है।राजनीति के नए तौर तरीके तय करने वाली आम आदमी पार्टी के भीतर बगावत के सुर तेज हो गए हैं। लक्ष्मीनगर से कांग्रेस के दिग्गज डॉ.ए.के.वालिया को हराने वाले आप के विधायक विनोद कुमार बिन्नी एक बार फिर अपनी पार्टी और सरकार से नाराज हो गए हैं।आम आदमी पार्टी के बागी विधायक विनोद बिन्नी ने अपनी पार्टी और अरविंद केजरीवाल पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली सरकार की कथनी और करनी में बहुत अंतर है और दिल्ली की जनता के साथ धोखा हो रहा है।उन्होंने कहा कि बिजली और पानी के मुद्दे पर पार्टी ने अपने घोषणापत्र में जो बात कही थी, उस पर अमल करने में चतुराई बरती जा रही है। पानी का पूरा बिल माफ करने की बात थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। बिजली बिल आधा करने पर भी दिल्ली सरकार ने अपना रुख बदल लिया।उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी का गठन विधायक या सांसद बनाने के लिए नहीं किया गया, लेकिन सत्ता में आने पर उसके वादे बदल गए हैं।आप का अंतर्कलह बिन्नी के विद्रोह से बाहर आ गया है।
यह सब अब बीती बातें हो गईं, लेकिन केजरीवाल ने जिस तरह से चुनाव पूर्व कांग्रेस के भ्रष्टाचार और कुशासन सहित वीवीआईपी संस्कृति को मिटाने की बात कर रहे थे और चुनावों में जिस तरह से घूम-घूम कर शीला दीक्षित से विरुद्ध में 370 पेज का आरोप लगा रहे थे, वही केजरीवाल कांग्रेस के समर्थन से गद्दी प्राप्त करते ही अब भाजपा के विधानसभा में नेता हर्षवर्धन से इसके सबूत मांग रहे हैं। सत्ता में आप हैं और आपने जनता से वादे किए थे कि सत्ता में आने पर कांग्रेस के 15 सालों के भ्रष्टाचार पर कड़ाई से कदम उठायेंगे और एक-एक भ्रष्टाचारी को जेल भेजेंगे, चाहे कोई भी हो। लेकिन अरे ये क्या। अब तो सत्ता मिलते ही आप पर सत्ता का असर होने लगा। हां, यह सही है कि आपने प्रति परिवार को प्रतिदिन 667 लीटर यानि 20 हजार लीटर पानी और 400 यूनिट तक टैरिफ को आधा कर दिया। लेकिन ये तो आने वाला वक्त बतायेगा कि सच में जनता पर इसका असर कितना होने वाला है।
दिल्ली चुनाव में मिली 28 सीटों की जीत के बाद आम आदमी पार्टी पूरे देश में अपना जनाधार बढ़ाना चाह रही है,लेकिन उनके कई बयान आज भी सिरदर्द बने हुए हैं।मुस्लिम तुष्टिकरण से लेकर जम्मू और कश्मीर में सेना की तैनाती को लेकर अरविंद केजरीवाल, कुमार विश्वास, प्रशांत भूषण ने ऐसे-ऐसे बयान दिए हैं, जिनसे समाज के एक वर्ग को तकलीफ हुई है। आप के ऐसे बयान, जो उनके समर्थकों को भी पचाने में दिक्‍कत आ रही है।कुमार विश्वास ने मुस्लिमों को लेकर ऐसा बयान दिया है कि दिल्ली विधानसभा में समर्थन देने वाले जेडीयू विधायक शोएब इकबाल ने समर्थन वापस लेने की धमकी तक दे डाली।खुद आम आदमी पार्टी के सदस्यों ने कुमार विश्वास का कई बार विरोध किया है।शोएब इकबाल ने कहा कि कुमार विश्वास ने ऐसा बयान देकर मुहर्रम का मजाक उड़ाया है। हालांकि, अरविंद केजरीवाल का कहना है कि इस बयान पर कुमार विश्वास पहले ही माफी मांग चुके हैं और इसे तूल नहीं देना चाहिए।दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के बटला हाउस एनकाउंटर को फर्जी बताया था। हालांकि अब पुलिस ने इसके सारे टूटे तार जोड़कर यह कोर्ट में बता दिया है कि यह कोई फर्जी एनकाउंटर नहीं था।
अरविंद केजरीवाल पर इससे पहले भी मुस्लिमों का साथ देने का आरोप लगता रहा है। तस्लीमा नसरीन और अमेरिकी राष्ट्रपति पर फतवा जारी करने वाले मौलाना तौकीर रजा से केजरीवाल ने चुनाव प्रचार के दौरान हाथ मिलाया था और उनसे चुनाव में प्रचार करने की गुजारिश की थी।दिल्ली के मुख्यमंत्री बन चुके अरविंद केजरीवाल ने पहले तो कह दिया कि वह सरकारी बंगला नहीं लेंगे, लेकिन उसके बाद वह 10 कमरों वाला डूप्ले लेने का तैयार हो गए।हालांकि, मीडिया की रिपोर्टिंग के बाद उन्होंने इसे लेने से ठुकरा दिया। इसके बावजूद उनके समर्थकों में इसको लेकर अब भी नाराजगी है। लोग तो अब यह भी कहने लगे हैं कि क्या अरविंद केजरीवाल केवल बातों के आम आदमी हैं?मीडिया के दबाव से भले ही केजरीवाल ने अपने लिए भगवान दास रोड पर दिल्ली सरकार की तरफ से मिला दस कमरों का फ्लैट छोड़ दिया हो लेकिन इसका गलत संदेश जनता में गया है। फिर उनके मंत्रियों के द्वारा सरकारी गाड़ियों का इस्तेमाल। इन सबको किसी ने मना नहीं किया था, लेकिन ये तो उन्होंने ही जनता से वादा किया था कि हम जनता से किया हर वादा पूरा करेंगे और वीवीआईपी संस्कृति को खत्म करेंगे।
शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया दिल्ली यूनिवर्सिटी में दिल्ली के छात्रों के लिए 90 प्रतिशत आरक्षण की बात कह रहे हैं। यह बयान दिल्ली से बाहर के उन छात्रों को नागवार गुजरा है, जो इस केंद्रीय विश्वविद्यालय में पढ़ने की इच्छा रखते हैं।हालांकि चुनाव से पहले भाजपा ने भी इस तरीके का वादा किया था। इस बयान के बाद मनीष सिसोदिया का विरोध हो रहा है। दिल्ली में बाहर से पढ़ने आए छात्रों ने इस बयान पर ‌उनका विरोध करना शुरू कर दिया है।आम आदमी पार्टी के सदस्य प्रशांत भूषण ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जम्मू और कश्मीर में सेना की तैनाती के सवाल को लेकर राज्य के बाशिंदों के बीच जनमत संग्रह होना चाहिए।भूषण के इस बयान की भी खूब आलोचना हुई। प्रशांत भूषण के इस बयान के बाद विशेषज्ञों ने यहां तक कह दिया कि उन्हें राज्य की जटिलता का अंदाजा नहीं है।
अभी सत्ता में आये महज जुम्मा चार दिन ही हुए हैं और आप हैं कि अभी से अपने रंगे दिखाने लगे। अरे जनाब देश-दुनिया की नजर आप और आपके कार्यों पर है।फूंक-फूंक कर कदम रखिये।

विवेक मनचन्दा ,लखनऊ

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