Menu
blogid : 13858 postid : 735754

बाबा रामदेव योग गुरु या ठग ?

मेरे विचार
मेरे विचार
  • 153 Posts
  • 226 Comments

बाबा रामदेव कहने को तो योग गुरु हैं पर जिस तरह से वह राजनीति करने में लगे हैं वह मंझे हुए नेताओं की भाषा बोलते हैं। विवादों के साथ रामदेव का पुराना नाता है। वह आजकल योग के बारे में कम नरेंद्र मोदी को जिताने की बात ज्यादा करते हैं। भ्रष्टाचार और केंद्र में सत्ताधारी कांग्रेस के खिलाफ आंदोलन कर रहे बाबा रामदेव अक्सर हमला बोलते हैं ,पर इस बार रामदेव ही काले धन के बारे में खुसर-पुसर करते कैमरे में क़ैद हो गए। कालेधन के खिलाफ मुहिम छेड़ने वाले बाबा रामदेव कालेधन का बचाव करते हुए कैमरे में कैद हो गए।रामदेव कैमरे पर भाजपा प्रत्याशी महंत चंदनाथ से यह कह रहे थे कि माइक ऑन होने पर धन की बात ना किया करो.महंत ने पहले रामदेव से कहा था कि अलवर संसदीय क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें धन की कमी हो रही है। लेकिन बाबा रामदेव को जिस बात का डर था, वही बात हो गई और सारी बातचीत कैमरे में रिकॉर्ड हो गई।
बाद में उनसे जब इस बाबत सवाल पूछा गया तो दोनों ने ही पैसों की कोई बात किए जाने से इनकार कर दिया। चांदनाथ बोले, यह आपकी (मीडिया) कल्पना है, मेरी तो बाबा से पैसों की कोई बात ही नहीं हुई।
वैसे बाबा रामदेव और विवादों का गहरा रिश्ता है।बाबा रामदेव ने जब से कालेधन को लेकर देश में धरना प्रदर्शन शुरू किया था तब से आये दिन विवाद उनका पीछा नहीं छोड़ रहे हैं।बाबा के ख़ास सहयोगी बालकृष्ण फर्जी पासपोर्ट और डिग्रियों के मामले में सलाखों के पीछे जा चुके हैं ,और बाबा रामदेव की विश्वसनीयता भी काफी घटी है।
कभी रामदेव अपने चेलों को टिकट दिलाने के लिए इस भाजपा नेताओं के घरों पर जैसे चक्कर लगाते हैं और अपने जो चंगू-मंगू भाजपा पर थोपने की कोशिश करते हैं। पर अब बाबा रामदेव की असलियत खुल गई है। रामदेव ने टिकटार्थियों की अपने यहां भीड़ लगाई। खूब झांसे दिए और ऐसे-ऐसे लोगों के टिकट की लॉबिंग की जिससे भाजपा नेताओं को यह भी पता पड़ा कि बाबा रामदेव जातिवादी हैं और वे यादव-ओबीसी की वैसी ही राजनीति करते हैं जैसे लालू यादव और मुलायम सिंह यादव करते हैं।
एड्स का इलाज करने के दावे के कारण केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से उन्हें दवा निर्माण का काम रोकने का भी आदेश मिल चुका है, ड्रग्स एवं मैजिक रेमेडीज कानून के तहत लोगों को गुमराह करने के आरोप में उन्हें नोटिस भी जारी की जा चुकी है, पुत्रवती, ऐसी दवा जिससे महिलाएं सिर्फ पुत्र को जन्म दे सकती हैं, के आविष्कार की जांच हो चुकी है। पतंजलि पर मिलावट का दोष
पिछले दिनों ही योग गुरू बाबा रामदेव के खिलाफ चुनाव आयोग के निर्देश पर आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया। बिना अनुमति प्रेस कांफ्रेंस करने और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी व केजरीवाल पर व्यक्तिगत टिप्पणी करने को आयोग ने गंभीरता से लिया है। बाबा रामदेव को फतेहपुर औरखागा तहसील में योग शिविर करने की अनुमति मिली थी, लेकिन उन्होंने बिना प्रशासन की इजाज़त के भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में आवास-विकास कालोनी में प्रेस वार्ता की।सदर कोतवाली में बाबा रामदेव के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है।
प्रेस वार्ता में रामदेव ने सोनिया गांधी पर व्यक्तिगत टिप्पणी की जो कि आदर्श आचार संहिता का खुला उल्लंघन है।
दिल्ली के रामलीला मैदान में जब हजारों समर्थकों की भीड़ को संबोधित करते हुए योग गुरु ने गर्जना की थी, ”अगर आप मेरे नाम से एक इंच भी जमीन या एक भी पैसा बैंक खाते में दिखा दें तो आप जो भी कहेंगे, मैं करने के लिए तैयार हूं.” लेकिन जब वे प्रति घंटा 2.40 लाख रु. के किराये वाले चार्टर विमान सेसना साइटेशन जेट से दिल्ली में उतरे तो यह लोगों में चर्चा का विषय बन गया।यह भी किसी से छुपा नहीं रहा कि आगंतुकों के लिए 2.5 लाख वर्गफुट पर खड़ा किया गया तंबू वातानुकूलित था और बाबा के सहयोगी चमचमाती मित्सुबिशी मोंटेरो में आते-जाते दिखाई दिए, और वे महंगे सेलफोन लेकर घूम रहे थे।बाबा के नाम कोई बैंक खाता हो या न हो, भारत के ये सबसे बड़े आध्यात्मिक चिकित्सक बड़े-बड़े सुपरस्पेशलिटी अस्पतालों को टक्कर दे सकते हैं।
दिल्ली के रामलीला मैदान मेंअपना अनशन शुरू करने से पहले बाबा रामदेव ने कहा था कि उनके अन्दर इतनी यौगिक शक्ति है कि वे 30 दिनों तक बिना कुछ खाए पीये अनशन कर सकते हैं , उस दिन बाबा को अंदाज़ा था कि प्रधानमंत्री खुद उन्हें मनाने आयेंगे और उन्हें अनशन नहीं करना पड़ेगा । लेकिन बाबा रामदेव का झूठ उनके गले की हड्डी बन गया , कांग्रेस सरकार ने बड़ी चालाकी से उन्हें उत्तरांचल भेज दिया । जोश जोश में बाबा रामदेव ने अनशन जारी रखने की घोषणा तो करदी लेकिन योग क्रिया के बड़े बड़े दावे भरने वाले बाबा रामदेव की मात्र 6 दिन में ही हवा निकल गयी थी ।
योग शिक्षक रहे बाबा रामदेव के संस्थान ने पिछले एक दशक में दवाओं और खाद्य पदार्थों का कारोबार बहुत बढ़ाया और आज इसका आकार करोड़ों रूपए आँका जाता है। पतंजलि के नाम से पूरे देश में उनके खुदरा आउटलेट की श्रृंखला है जहां बीमारियों के अचूक इलाज की दवाओं के साथ-साथ बिना मिलावट के शुद्ध खाद्य पदार्थ बेचने का दावा किया जाता है जिसमें आटा, सूजी और बेसन तक शामिल हैं। हालाँकि उनकी दवाओं और दावों पर विवाद उठता रहता है. ऐसा ही एक बड़ा विवाद 2005 में भी सामने आया था जब उनके ही आश्रम में काम करनेवाले कुछ मजदूरों ने आरोप लगाया था कि उनकी दवाओं में हड्डियों का चूरा मिलाया जाता है। सीपीएम नेता वृंदा कारत ने भी इस मामले को उठाया था. लेकिन साल 2006 में सत्ताधारी कांग्रेस सरकार ने उन्हें क्लीन चिट दे दी थी।
बाबा रामदेव के गुरु और दिव्य योग पीठ के संस्थापक शंकरदेव साल 2007 में लापता हैं, इस मामले में कई विरोधी बाबा रामदेव की तरफ अंगुली उठाते हैं। बाबा रामदेव के चेले आचार्य बालकृष्ण भी नागरिकता और दस्तावेजों के फर्जीवाड़े के आोपों में सीबीआई जांच के घेरे में है। आरोप है कि बालकृष्ण नेपाली नागरिक हैं, और उन्होंने फर्जीवाड़े दस्तावेजों के सहारे भारतीय पासपोर्ट हासिल किया है। लेकिन बाबा रामदेव चेले के साथ खड़े हुए हैं।बाबा रामदेव पर योग के बहाने कारोबार करने के आरोप लगते रहे हैं, टैक्स न भरने के तमाम मामलों में इंकमटैक्स से लेकर सेल्स टैक्स विभाग तक रामदेव के ट्रस्ट के खिलाफ कदम उठा चुके हैं। विदेश से करोड़ों के संदिग्ध लेनदेन पर ईडी का शिकंजा भी उन पर है।
बाबा रामदेव की पहचान योगगुरु के रूप में बनी है।पर बाबा रामदेव आज पूरी तरह से एक सफल से सफल उद्योगपति को भी टक्कर दे रहे हैं ।बाबा रामदेव आज योगगुरु के साथ मार्केटिंग के बहुत बढ़िया व्यापारी बन चुके हैं ।पर उन्हें अपनी इस व्यापारी की महत्वाकांक्षा को त्यागना होगा और उन्हें अपनी पहचान योगगुरु के रूप में ही बनाये रखनी पड़ेगी ।यही उनके लिए हितकर होगा।बाबा रामदेव के दावे झूठे साबित होरहे हैं । यहाँ एक अहम् सवाल यह भी है कि क्या बाबा रामदेव वाकई योगी हैं ? क्या उन्हें योग आता है ? क्या वह अब तक जनता को बेवक़ूफ़ बना रहे थे। बाबा रामदेव अर्से से देश की जनता को ठगने में लगे हैं और भोली भाली जनता बेवकूफ बन रही है।

विवेक मनचन्दा ,लखनऊ

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply