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परेड ग्राउंड देहरादून में आयोजित राष्ट्रीय आरोग्य मेला के अन्तिम दिन आयुर्वेदिक सौंदर्य प्रसाधन विषयक कार्यशाला की अध्यक्षता जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी पिथौरागढ़ डॉ आर पी सिंह एवं डॉ एन सी तिवारी द्वारा की गयी। इस अवसर पर विश्व प्रसिद्ध हर्बल विशेषज्ञ डॉ विनोद उपाध्याय आयुर्वेदिक सौंदर्य प्रसाधन विषय में प्रशिक्षण दिया गया हर्बल एवं प्राकृतिक सौंदर्य प्रसाधन, प्राकृतिक रंग और प्राकृतिक संरक्षक द्रव्यों और औषधि निर्माण विकास पर विश्वव्यापी कार्य किया है।
कार्यशाला के अध्यक्ष डॉ आर पी सिंह ने बताया कि वर्ष 2024 तक हर्बल कॉस्मेटिक का विश्व बाजार 120 बिलियन अमेरिकी डॉलर यानि 12000 करोड़ पहुंंचने की संभावना है, अतः इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। उत्तराखंड जड़ी बूटियों का भंडार है। यहांं परम्परागत रूप से ग्रामीण एवं जनजातीय क्षेत्रों में विभिन्न हर्बल सौंदर्य प्रशाधनों का प्रयोग होता रहा है जिसकी ब्रांडिंग एवं फार्मूलेशन डेवलपमेंट कर देवभूमि उत्तराखंड के आर्थिक विकास के साथ रोजगार सृजन की संभावनाओं पर भी बल दिया जा सकता है।
हर्बल सौंदर्य प्रशाधनों पर तकनीकी जानकारी के साथ डॉ विनोद उपाध्याय ने बताया कि आप बड़ी बड़ी अंतरराष्ट्रीय कंपनियां सिर्फ हर्बल के नाम पर अरबों खरबों का व्यापार कर रही हैं, आयुर्वेद क्षेत्र के विशेषज्ञों को आगे आकर इस क्षेत्र में उद्यमिता विकास करना चाहिए जिससे सही मायनों में जनसामान्य को हर्बल का लाभ मिल पाएगा।
कार्यशाला में पहुंंचे आयुर्वेद अनुसंधान विशेषज्ञ डॉ अवनीश उपाध्याय ने कहा कि सभी प्रकार के हर्बल सौंदर्य प्रसाधनों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है जिससे, इस क्षेत्र में दुनिया में व्यवसाय के कई अवसर उपलब्ध हैं एवं उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में लघु उद्यम स्थापित कर यहाँ के प्राकृतिक संसाधनों का समुचित उपयोग किया जा सकता है। पिथौरागढ़ के चिकित्सा विशेषज्ञों ने आरोग्य मेले में आये रोगियों का आयुर्वेद की विभिन्न विधाओं पंचकर्म, क्षारसूत्र आदि द्वारा इलाज किया गया।
नोट : यह लेखक के निजी विचार हैं और इसके लिए वह स्वयं उत्तरदायी हैं।
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