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वह अपने पैरों से चित्रकारी करती है और अपने पति की दाढ़ी व मूँछों की भी सफाई करती है. यहाँ तक कि दाढ़ी व मूँछों की सफाई से पहले रेज़र में ब्लेड भी वो अपने पैरों से ही लगाती है. वह अपने और पति के लिए खाना पकाती है और कपड़े भी धोती है. वह हर वो काम अपने पैरों से सहजता से कर लेती है जिसे करने के लिए सामान्य लोग हाथों का सहारा लेते हैं. पढ़िए उस औरत की कहानी….
चीन की यह 49 वर्षीय महिला बाइ एक्जियांग बड़ी ही खुशी के साथ अपने पति के साथ जीवनयापन कर रही है. लेकिन यह खुशी उसने तब हासिल की है जब 12 की उम्र में किस्मत ने उसे धोखा देते हुए हाथों से लाचार बना दिया था. तब उसके पास केवल एक अंधकार भरी ज़िंदगी थी जिसमें कभी खुशी की किरणें दस्तक देंगी इसका अंदाज़ा भर भी उसे न था.
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लेकिन 33 की उम्र में उसके चेहरे पर भी खुशियों की किरणों ने दस्तक दी. ये दस्तक उसे एक वैवाहिक जीवन की ओर ले जा रही थी. एक ऐसा जीवन जिसकी उम्मीदें अपनी लाचारी के कारण उसने छोड़ दी थी. हुआ यह कि उनके एक पड़ोसी ने उसे एक पुरूष से मिलाया जो उम्र में उससे 21 साल बड़ा था. मा वानवा नामक उस पुरूष ने बाइ से शादी करने की इच्छा जताई. बाइ ने उसके विवाहित होने और एक बेटी होने के कारण उससे शादी से इंकार कर दिया. लेकिन वह बाई को शादी के लिए राजी करने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता था.
मा वानवा की पत्नी अब इस दुनिया में नहीं थी. यह जानते हुए और उसके लगातार किये जा रहे आग्रह को स्वीकार करते हुए अंतत: बाइ ने उसके वैवाहिक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. अपनी शादी का निर्णय लेने से पहले बाइ ने अपने घरवालों से सम्पर्क किया. घरवालों ने इसे एक अच्छा अवसर समझते हुए अपनी बेटी को उससे 21 वर्ष बड़े विधुर से शादी के लिए तैयार कर लिया.
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मा वानवा से उन्हें एक बेटी भी हुई लेकिन वर्ष 2000 में उन्होंने उसे खो दिया. लेकिन इससे उन दोनों के प्यार और वैवाहिक जीवन में कोई अंतर नहीं आया. बाइ शुरू से ही अपने पैरों से वो सारे काम करने की कोशिश करती रहती थी जिसे अन्य लोग अपने हाथों से पूरा करते हैं.
अपनी शादी से पहले घर से अलग होकर अकेले रहने का फैसला लेने वाली बाइ अपने पति के बालों की कटाई भी स्वयं करती है. पैरों से काम करने वाली इस महिला ने पाठकों को इन पंक्तियों को दोहराने का मौका फिर से दे दिया है, ‘हाथों की लकीरों का क्या, किस्मत तो उनके भी होते हैं जिनके हाथ नहीं होते!’ Next…
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