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अगर दिल में कुछ करने का ज़ज्बा हो तो सफलता अवश्य मिलती है. कुछ ऐसा ही साबित कर दिखाया है देहरादून के जोहरी गाँव में रहने वाली इन दो जुड़वा बहनों ने. इन्होंने अपनी अपनी प्राथमिक शिक्षा मसूरी से पूरी की और अब दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से आगे की पढ़ाई कर रही हैं.
ताशी और नुंगशी मलिक नाम की दो जुड़वा बहनों ने उस समय इतिहास रच दिया जब उन्होंने अंटार्कटिका की सबसे ऊँची चोटी माउंट विंसन पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की. इसके साथ ही उन दोनों ने सात महाद्वीपों में अवस्थित सात ऊँची चोटियों पर चढ़ने वाली पहली सहोदर होने का ख़िताब अपने नाम कर लिया है. ऐसा करके वो पर्वतारोहियों के विशिष्ट सम्मान ‘हॉल ऑफ फेम- दि सेवन सम्मिट्स क्लब’ में अपना नाम दर्ज़ कराने में सफल रही.
मलिक बहनों ने अपने संयुक्त पर्वतारोहण की शुरूआत वर्ष 2012 में की थी. 23 वर्षीया इन जुड़वा बहनों ने अफ्रीका की माउंट किलिमंजारो, एशिया के माउंट एवरेस्ट, यूरोप के माउंट एलब्रुस, दक्षिण अमेरिका की माउंट एकॉनकागुआ, ओसेनिया की माउंट कार्सटेंज़ पिरामिड, उत्तर अमेरिका की माउंट मैकिनले और अंतत: अंटार्कटिका की माउंट विंसन मासिफ की चढ़ाई पूरी की. मई 19, 2013 को वो माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली जुड़वा बहनें होने का कीर्तिमान अपने नाम दर्ज़ करा चुकी है.
इससे पहले ताशी और नुंगशी के परिवार में कोई भी पर्वतारोही नहीं रहा. दोनों बहनों ने पर्वतारोहण का पाठ्यक्रम पूरा किया है. सेना में कर्नल के पद पर कार्यरत पिता के कारण उन्हें अपनी रूचियों को पंख देने का भरपूर अवसर और अनुकूल माहौल मिला.
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अब दोनों बहनें की नजरें उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव की चढ़ाई पूरी करके पर्वतारोहियों को दिये जाने वाले सम्मान ‘ग्रैंड स्लैम’ पर है. इसके अलावा भारत-न्यूजीलैंड स्पोर्टस स्कॉलरशिप की राशि का उपयोग वो अपने खेल पाठ्यक्रमों पर करना चाहती हैं. Next….
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