Menu
blogid : 12846 postid : 1134039

6 वर्ष की उम्र में ब्रेन ट्यूमर, 15 वर्ष की उम्र में खो दी आंखों की रोशनी फिर भी बन गई यूनिवर्सिटी टॉपर

स्त्री दर्पण
स्त्री दर्पण
  • 86 Posts
  • 100 Comments

रांची यूनिवर्सिटी के 29वें दीक्षांत समारोह में श्वेता को जब अपने कोर्स में टॉप करने के लिए स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया तो समारोह में मौजूद अधिकतर लोगों की आंखों में आंसू थे.


shweta

6 वर्ष में ब्रेन ट्यूमर और 15 वर्ष में आंखों की रोशनी खोने का दर्द क्या होता है ये कोई श्वेता से पूछे. इतना दर्द सहने के बाद भी श्वेता मंडल का कहना है कि ‘आंखों की रोशनी से ज्यादा जरूरी है कि आपके पास हिम्मत और जज्बा होना चाहिए.’


श्वेता आज हमारे सामने बहुत बड़े उदाहरण के तौर पर सामने आई है कि किसी भी परिस्थिति में मनुष्य को हिम्मत नहीं हारना चाहिए. रांची यूनिवर्सिटी की छात्रा श्वेता मंडल ने अपनी शारीरिक अक्षमता को मात देते हुए यूनिवर्सिटी के ‘पीजी ह्यूमन राइट्स’ कोर्स में टॉप किया है.


ब्रेन ट्यूमर के कारण अपनी आंखों की रोशनी गवांने वाली श्वेता मंडल को 6 साल की उम्र में ही ब्रेन ट्यूमर था. इस बीमारी से निजात पाने के लिए श्वेता का ऑपरेशन भी किया गया, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था इस ऑपरेशन का साइड इफेक्ट 11 साल बाद देखने को मिला और अचानक श्वेता की आंखों रोशनी चली गई.


डाक्टरों ने स्पष्ट कर दिया था कि अब श्वेता कभी देख नहीं पाएंगी. लेकिन वह घबराई नहीं और अपने हिम्मत के साथ परिस्थितियों का सामना किया जिसका परिणाम हम सबके सामने है. इन्होंने राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) में भी सफलता हासिल की है। वर्तमान में वह देश के प्रतिष्ठित संस्थान ‘जवाहर लाल नेहरू विश्वाविद्यालय’ (जेएनयू) से एम.फिल कर रही हैं.


आप ये जानकर चौंक जाएंगे कि श्वेता ने यह उपलब्धि बिना किसी तकनीक, चिकित्सा या ब्रेल की मदद के बगैर हासिल की है. इन्होंने अन्य दृष्टिबाधित छात्रों की तरह कभी भी पढ़ाई के लिए ब्रेल का सहारा नहीं लिया और न ही ये ब्रेल में प्रशिक्षित थी. इनके लिए सबसे सहायक टेक्स्ट टू स्पीच सॉफ्टवेयर ‘जॉनिऐक ओपन शॉप सिस्टम’ रहा.


श्वेता ने अपनी दृष्टि खोने की घटना को याद करते हुए बताया, ‘धीरे-धीरे मेरी आंखों की रोशनी जानी शुरू हुई. शुरू में मुझे आसपास की चीजें धुंधली नजर आने लगी और कुछ दिनों के अंदर पूरी तरह से रोशनी चली गई.’ शिक्षण और रिसर्च में करियर बनाने के लिए प्रयासरत श्वेता अभी भी बहुत आगे बढ़ना चाहती हैं. उनके लिए ये सब बाधाएं कोई मायने नहीं रखती है…Next


Read more:

जमीन पर ही नहीं आसमान में भी लड़ते हैं महिला-पुरुष…. आप यकीन नहीं करेंगे इस लड़ाई के बाद क्या हुआ

मेंढक की वजह से गर्भवती हुई महिला! दिया मेंढक की तरह दिखने वाले बच्चे को जन्म

पोते को अपने गर्भ से जन्म देने के लिए महिला पहुंची कोर्ट में



Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh