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जरा सोचिए दिल्ली से न्यूयॉर्क की दूरी करीब 30 मिनट में तय हो जाए तो कितना अच्छा होगा. इससे समय की तो बचत होगी ही साथ ही एडवेंचर का भी एहसास होगा. दरअसल हाइपरसोनिक जेट का यह कॉन्सेप्ट कनाडाई एकरक्राफ्ट कंपनी के इंजीनियर चार्ल्स बॉमबार्डियर का है.
अपको बता दें एवियेशन के इतिहास में अब तक सबसे तेज उड़ने वाला जाहज कॉनकोर्ड था जो मैक-2 स्पीड से उड़ान भरता था. इसका मतलब यह हुआ कि इसकी रफ्तार 23 सौ किलोमीटर प्रतिघंटा थी. कॉनकोर्ड फ्रांस और इंग्लैण्ड का संयुक्त कॉमर्शियल प्रोजेक्ट था.
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लेकिन इंजीनियर चार्ल्स बॉमबार्डियर ने एक ऐसा हाइपरसोनिक जेट बनाया है जो मैक-24 की रफ्तार तय कर सकता है. अर्थात यह कॉनकोर्ड से 12 गुना तेज स्पीड से उड़ सकता है. इस हाइपरसोनिक जेट का नाम है एंटीपॉड हाईपर सोनिक जेट. पिछले साल चार्ल्स ने एक ऐसा ही कॉंन्सेप्ट तैयार किया था जो मैक-10 की रफ्तार से उड़ान भर सकता है और एक बार में 75 यात्रियों को ले जा सकता है.
एंटीपॉड हाईपर सोनिक जेट की क्या है खासियत
1. इस जेट की सहायता से दिल्ली और न्यूयॉर्क की 11747 किलोमीटर की दूरी मात्र 30 मिनट में पूरी की जा सकती है.
2. रोशनी की गति से भी कई गुना तेज चलेगी एंटीपॉड
3. यह नया जहाज मैक-24 की स्पीड से उड़ान भरेगा. इसका मतलब यह हुआ कि नया जहाज 20 हजार किलोमीटर प्रति घण्टा से भी ज्यादा की स्पीड से उड़ेगा.
4. इस जहाज की नोज और विंग्स बनाने में ‘नासा’ की टेक्नोलॉजी इस्तेमाल किया गया है
5. बॉमबार्डियर के मुताबिक ‘एंटीपॉड’ सेना या आपात स्थिति में दुनिया के शीर्षस्थ नेताओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पलक झपकते पहुंचा जाया सकता है. 10 यात्रियों की क्षमता वाले ‘एंटीपॉड’ अभी कॉनसेप्ट वर्जन में है…Next
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