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एमएच370 का अचानक गायब हो जाना एविएशन की दुनिया का सबसे बड़ा रहस्य बन गया है. इस रहस्य से पर्दा उठाने की लाख कोशिशों के बावजूद मलेशिया सरकार और पूरी दुनिया की आधुनिक तकनीकें किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी हैं कि आखिर क्यों, कैसे और कहां खो गया गया एमएच370? लेकिन कुछ जो चौंकाने वाले सबूत हैं वे उस बात की तरफ इशारा कर रहे हैं जिसे मानने से हम हमेशा इनकार करते रहे हैं और वह है एलियन के होने से. सबूत कहते हैं कि एमएच370 एलियन के कब्जे में हो सकता है. लेकिन कैसे?
एमएच370 से जुड़े संदिग्ध सवाल: एमएच370 से जुड़े कुछ ऐसे अनसुलझे सवाल हैं जिनका कोई जवाब नहीं है और मलेशिया सरकार भी मानती है कि भविष्य में भी इसके सुलझने के कम ही आसार हैं. ये सवाल हैं:
-प्लेन के पायलट के हार्ड डिस्क से 3 मार्च को डेटा डिलीट किया गया था. क्यों?
-प्लेन से कॉंटैक्ट टूटने से कुछ समय पहले ही एक पायलट से बात हुई थी (जो प्लेन से आखिरी कांटैक्ट था) जिसमें पाइलट ने सब कुछ ठीक होने की बात कही थी. क्यों?
-प्लेन के किसी पैसेंजर का कोई कॉल नहीं आना.
-प्लेन में 11:30 घंटे का ईंधन था. अपने रास्ते से भटक कर वह भारत या पाकिस्तान जा सकता था पर वह कहीं भी मदद के लिए नहीं गया.
ये कुछ ऐसे सवाल हैं जो एमएच370 को हाइजैक होने या दुर्घटनाग्रस्त होने की ओर इशारे करते हैं. पर दुर्घटना के लिए भी कोई खास पुख्ता कारण नहीं हैं. मौसम भी ठीक था और प्लेन में किसी आंतरिक खराबी की भी किसी तरह की कोई जानकारी नहीं है. संभव है यह समुद्र के किसी चक्रवात के प्रभाव में आ गया हो लेकिन इसके भी कोई आधार नहीं हैं. इसलिए संभव है यह एलियन के कब्जे में हो.
एलियन ही क्यों?
बड़ा सवाल यह है कि अगर प्लेन के हाइजैक होने या किसी तूफान के कब्जे में फंसने की बात भी सामने आती है तो एलियन यहां कैसे आ सकते हैं? इसके कई आधार हैं:
–वियतनाम में होना: प्लेन उड़ान भरने के 40 मिनट बाद अपने रास्ते से भटक गया. रडार पर आखिरी बार उसकी लोकेशन वियतनाम में पाई गई. गौरतलब है वियतनाम अक्सर एलियन की खबरों के लिए सुर्खियों में रहता है.
–प्लेन का अपने ट्रैक से भटक जाना: अगर प्लेन में कोई आंतरिक खराबी भी थी प्लेन अपने रास्ते से मुड़कर वियतनाम की ओर क्यों गया इसका कोई जवाब नहीं है. संभव है प्लेन एलियन के कब्जे में हो वह वियतनाम की ओर मोड़ दिया गया हो.
–रडार से अचानक गायब हो जाना: प्लेन की लोकेशन रडार से अचानक गायब जाना किसी के पल्ले नहीं पड़ रहा. आखिर बिना खराबी के प्लेन रडार से गायब कैसे हो गया?
ये कुछ ऐसे आधार हैं जो एमएच370 का एलियन के कब्जे में होने की ओर इशारे करते हैं. लेकिन कुछ और भी बाते हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता:
पायलट की गलती: कई बार ऐसा होता है कि पायलट को प्लेन में गड़बड़ी समझ नहीं आती और क्रैश होने के अंतिम समय पर जब उसे पता चलता है तब तक प्लेन आउट ऑफ कंट्रोल हो चुका होता है. पायलट से अंतिम समय बात करने पर सब कुछ ठीक होने की बात कहना यही हो सकता है. 2009 में एयर फांस प्लेन में ऐसा ही हुआ था.
स्ट्रक्चरल फॉल्ट: कई बार प्लेन के स्ट्रक्चर के कारण पायलट उसे कंट्रोल नहीं कर पाता और प्लेन दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है. 2002 में चाइना एयरलाइन फ्लाइट 611 के साथ ऐसा हुआ था. ठीक प्रकार से रिपेयर नहीं होने के कारण प्लेन दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
पैसेंजर्स की गलती: हो सकता है पैसेंजर की किसी गलती के कारण अचानक कुछ ऐसे हालात बने हों कि प्लेन का संतुलन बिगड़ गया हो और उसे बचाने की कोशिश में पायलट ने उसकी दिशा भी बदली हो लेकिन इसके बावजूद प्लेन क्रैश कर गया हो.
समुद्री तूफान: कई बार समुद्र के ऊपर से गुजरते हुए प्लेन समुद्री तूफान के घेरे में आ जाता है. हालांकि प्लेन की रेंज इतनी ऊंची होती है कि इन चक्रवातों के प्रभाव से बाहर रहे लेकिन एमएच370 के केस में यह भी एक कारण हो सकता है. अचानक आए इस तूफान के कारण ही हो सकता है पायलट ने इससे बचने की कोशिश में प्लेन को दूसरी दिशा में मोड़ा हो.
इलेक्ट्रिकल फेल्योर: हालांकि किसी भी प्लेन में दो जेनेरेटर, एपीयू (Auxiliary Power Unit) और आरएटी RAT (Ram Air Turbine). होता है लेकिन एक ही वक्त सभी के फेल होने की हालत में प्लेन हादसे का शिकार हो सकता है.
ग्रैविटी फोर्स: कुछ लोग अचानक उत्पन्न हुए तीव्र ग्रैविटेशनल फोर्स के कारण विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की बात मान रहे हैं.
मलेशिया-चीन फ्रेंडशिप ईयर सेलिब्रेशन: मलेशिया और चीन के राजनीतिक संबंध अच्छे हैं. चीन मलेशिया को सैनिक सुरक्षा भी देता है. दोनों ही देश एपेक के सदस्य भी हैं और उनके व्यापार संबंध भी अच्छे हैं. अपने राजनीतिक संबंधों के 40 साल पूरे के उपलक्ष्य में 28 अगस्त, 2012 को मलेशिया और चीन ने सम्मिलित रूप से वर्ष 2014 को ‘मलेशिया-चीन फ्रेंडशिप ईयर के रूप में मनाने की घोषणा की थी. लेकिन वर्ष की पहली ही तिमाही में मलेशिया से बीजिंग के लिए उड़ान भरने वाले इस एमएच370 के गायब होने और मलेशिया सरकार द्वारा इसके संबंध में किसी भी पुख्ता तथ्य के साथ कोई बात कह सकने की अक्षमता के बीच ही साउथर्न इंडियन ओशन में गिरकर इसके नष्ट हो जाने और प्लेन के किसी भी पैसेंजर के जिंदा होने इनकार करने की सरकारी घोषणा से चीन के आम लोगों में मलेशियाई सरकार के लिए काफी रोष है. हो सकता है फ्रेंडशिप ईयर सेलिब्रेशन को लेकर दोनों देशों के संबंधों को खराब करने की यह कोई राजनीतिक या आतंकी साजिश हो.
एविएशन सुरक्षा पर सवाल
सभी हवाई जहाजों में सुरक्षा के लिहाज से ‘पिंगर्स’ का होना अनिवार्य है. पिंगर्स एक टेक्निकल डिवाइस है जो पानी के अंदर भी हवाई जहाज को रडार पर लोकेट कर सकने में सक्षम बनाता है. इसमें एक पिंगर हवाई जहाज के डेटा रिकॉर्डर से जोड़ा जाता है और दूसरा कॉकपिट के वॉयस रिकॉर्डर से. एमएच370 के साथ भी पिंगर जुड़ा था लेकिन सवाल यही है कि आखिर इसके बावजूद प्लेन की लोकेशन क्यों नहीं पता चल सकी है?
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