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पिछले कई समय से चल रही अटकलों के बीच आखिरकार भाजपा ने नरेंद्र मोदी के रूप में अपनी पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद के दावेदार का चुनाव कर ही लिया. वैसे तो यह चर्चाएं पिछले कई समय से जोरों पर थी कि आगामी लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के युवराज और भाजपा के मोदी का ही आमना-सामना होगा और अब बहुत हद तक यह स्थिति भी स्पष्ट हो चुकी है.
हालांकि अभी तक नरेंद्र मोदी के ऊपर वर्ष 2002 में घटित हुए गुजरात दंगों का आरोप है और इसी वजह से उनकी छवि अभी तक विवादित रही है. लेकिन बहुत हद तक देश की जमीं ने नरेंद्र मोदी को स्वीकार कर ही लिया है. गुजरात मॉडल को वैश्विक पहचान दिलवाने वाले नमो नमो का आज जन्मदिन है और जन्मदिन से पहले ही भाजपा ने उन्हें अपना प्रत्याशी नामित कर उन्हें बेहतरीन तोहफा दिया है. लेकिन वैश्विक स्तर पर नरेंद्र मोदी को उनकी बहुचर्चित सांप्रदायिक छवि के साथ अपनाया जाएगा या नहीं यह बात अभी तक संदेहास्पद ही है.
पिछले कुछ माह पहले से ही यह अंदेशा होने लगा था कि भाजपा नरेंद्र मोदी को अपना प्रत्याशी बनाकर लोकसभा 2014 की जंग में उतारेगी लेकिन इन सब चर्चाओं के बावजूद अमेरिका ने नरेंद्र मोदी को विजा देने से मना कर दिया था.
भारतीय युवाओं के बीच नरेंद्र मोदी काफी लोकप्रिय हैं, फेसबुक, ट्विटर जैसी सोशल मीडिया पर भी नरेंद्र मोदी के चर्चे आसमान पर हैं लेकिन इन सबके बावजूद अमेरिका नहीं चाहता कि गुजरात दंगों की काली छाया लिए नरेंद्र मोदी उनके देश में पधारे. यहां तक कि उनके औपचारिक तौर पर पीएम पद के दावेदार चुने जाने के बावजूद उन्हें अमेरिका आने केए अनुमति नहीं दी गई.
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2002 में हुए गुजरात दंगों के बाद जब 2005 में नरेंद्र मोदी ने अमेरिका जाने के लिए वीजा का आवेदन किया तो उनके इस आवेदन को अमेरिका ने उन दंगों के दौरान हुए मानवाधिकार हनन के आरोप में खारिज कर दिया गया.
2005 से लेकर अब तक नरेंद्र मोदी को अमेरिका आने की अनुमति नहीं मिल पाई है और अमेरिका की ओर से आधिकारिक रूप में यह कहा गया है कि अगर नरेंद्र मोदी अमेरिका आना चाहते हैं तो उन्हें दोबारा वीजा के लिए आवेदन डालना होगा. उनके केस की दोबारा जांच होगी और नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट मिलने के बाद ही उन्हें अमेरिका आने दिया जाएगा.
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