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स्कूली छात्राओं के लिये एक अंधकार युगीन फ़रमान जारी किया गया है. फ़रमान में लिखे शब्दों के अनुसार स्कूली छात्राओं को एक परीक्षा से गुजरना होगा. इस परीक्षा में पास होने पर ही उन्हें डिप्लोमा की उपाधि दी जायेगी. किसी विषय पर न ली जाने वाली यह परीक्षा शारीरिक है.
इंडोनेशिया के जेम्बेर शहर में यह फ़रमान जारी किया गया है कि स्कूली छात्राओं को डिप्लोमा की उपाधि तब दी जायेगी जब वो वर्जिनिटी टैस्ट में पास हो पायेंगी. इसके तहत इस परीक्षा में पास न हो सकने वाली छात्राओं को डिप्लोमा की उपाधि से वंचित कर दिया जायेगा.
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जेम्बेर शहर के नगर निगम की और से अधिकृत वकील ने कहा है कि छात्रायें अक्सर विभिन्न साथियों के साथ शारीरिक संबंध कायम करती हैं. यही कारण है कि इस संबंधित संस्थाओं को यह फ़रमान जारी करना पड़ा है. एक अन्य वकील के अनुसार प्रस्तावित योजना का विस्तार समूचे पूर्वी जावा के प्रांतों में किया जायेगा.
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मानव अधिकार संस्था ह्युमेन राइट वॉच ने इस अंधकार युगीन फ़रमान को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. इस संस्था की मानें तो वर्ष 1965 से इंडोनेशिया की राष्ट्रीय पुलिस में शामिल अधिकांश महिलायें इस टेस्ट से गुजरती हैं. इस संस्था के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकार कांनवेंट समिति का हस्ताक्षरकर्ता देश होने के कारण इंडोनेशिया महिलाओं के प्रति बरते जाने वाले भेदभावों पर लगाम लगाने की जिम्मेदारी से बच नहीं सकता.Next….
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