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दशकों बाद ब्राज़ील एक नये तरह के स्वास्थ्य संकट से गुजर रहा है. एक ऐसा संकट जिसके जड़ में विषाणु हैं और जिसके बारे में पूरी जानकारी अभी तक जुटायी नहीं जा सकी है. मच्छरों से फैल रहे विषाणुओं के प्रभाव से वहाँ नवज़ात छोटे सिर के साथ पैदा हो रहे हैं.
यह बीमारी उन संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलती है जो पीला बुख़ार, डेंगी और चिकुनगुनिया जैसे विषाणुओं को फैलाने की जिम्मेदार होती हैं. संक्रमित माँ से यह नवज़ात में फैलती है. यह ब्लड ट्रांसफ्युजन और यौन सम्बन्धों से भी फैलती है. हालांकि, अब तक यौन सम्बन्धों से इस विषाणु के प्रसार का केवल एक ही मामला सामने आया है.
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इस अनजान बीमारी ने वहाँ भय का ऐसा परिवेश तैयार किया है कि कई गर्भवती महिला मुसीबत में पड़ी हैं. इसे लेकर ब्राज़ील की सरकार को चौतरफा आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. वो भी इसलिये क्योंकि समय रहते ब्राज़ील सरकार कोई कारगर उपाय खोजने में नाकामयाब रही है. दबाव का आलम यह है कि ब्राज़ील की सरकार लोगों को किसी भी तरह मच्छरों के डंक से बचने की सलाह जारी कर रही है. एक सरकारी अधिकारी ने तो यहाँ तक कहा कि मच्छर प्रभावित इलाकों में महिला बच्चे ही पैदा न करें.
विषाणु को ज़िका नाम दिया गया है जिसके कारण बुख़ार आता है. इस विषाणु का नाम युगांडा के ज़िका जंगल के नाम पर रखा गया है जहाँ उसकी पहचान बंदरों में की गयी थी. ब्राज़ील के सरकारी अधिकारियों ने इस वर्ष इसके करीब 2,782 मामले दर्ज़ किये हैं जो वर्ष 2014 में 147 और उससे पहले 167 थे. इसके प्रभाव के कारण 40 नवज़ातों की मौत हो चुकी है. ब्राज़ील के कुछ शोधकर्ताओं ने चेतावनी जारी की है कि आने वाले माहों में यह कई गुना बढ़ सकती है. इससे प्रकोप से बच जाने वाले बच्चे ताउम्र बुद्धि सम्बन्धी दोषों से जूझते रहेंगे.
मच्छरों के काटने के तीन से बारह दिनों के बीच चार में से तीन व्यक्तियों में तेज बुख़ार, रैश, सिर दर्द और जोड़ों में दर्द के लक्षण देखे गये हैं. इसकी रोकथाम के लिये अब तक दवाई नहीं बनी और न ही इसके उपचार का कोई सटीक तरीका सामने आ सका है. अमेरिका की सेंटर्स फॉर डिज़ीज कंट्रोल के अनुसार समूचे विश्व में इस तरह के मच्छरों के पाये जाने के कारण इस विषाणु का प्रसार दूसरे देशों में भी हो सकता है.Next….
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