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लोक मीडिया पर जहाँ विश्वभर के लोग एक दूसरे से जुड़ने लगे हैं, वहीं यह वैसी जगह बनकर भी उभरी है जहाँ लोग खुलेआम या अपनी पहचान छिपाकर लक्षित लोगों पर अपशब्दों की बौछारें करते हैं. लोक मीडिया की भाषा में इसे ट्रॉल कहते हैं.
इंटरनेट आधारित इस आभासी दुनिया में अपमानजनक शब्दों और अश्लील गालियों से निपटना लोक मीडिया खाताधारियों के लिये बड़ी समस्या बनकर उभरी है. इन्हीं समस्याओं से परेशान एक शोधकर्ता ने बेहद कल्याणकारी युक्ति निकाली है.
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ऑस्ट्रेलिया की एक महिला शोधकर्ता सूजान कारलैंड को उनके ट्विटर खाते पर तरह-तरह के अपमानजनक शब्दों को झेलना पड़ता था. इससे परेशान सूजान ने अपनी समझ से इन अपमानजनक ट्वीट्स से निपटने की युक्ति खोजी.
अब जब कोई उन्हें ट्वीट के माध्यम से अपमानजनक शब्द कहता है तो वो प्रति ट्वीट एक ऑस्ट्रलियाई डॉलर यूनिसेफ को दान कर देती हैं. उन्होंने अपने ट्वीट के जरिये इसकी औपचारिक घोषणा भी की हुई है. सूजान कारलैंड एक टॉक शो की मेजबानी करने वाले वलीद ऐली की पत्नी है.
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सूजान कारलैंड का मानना है कि उन्हें ये अपमानजनक शब्द एक धर्म विशेष को मानने के कारण कहा जाता है. एक अख़बार में अपने विचार प्रकट हुए उन्होंने उनके ट्विटर खाते पर किये जाने वाले अपमानजनक ट्वीट के बारे में लिखा है.Next…..
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