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भारत नहीं, इस देश में है सरस्वती का सबसे ऊँचा और खूबसूरत मंदिर

International Affairs
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वीणाधारिणी का सबसे खूबसूरत मंदिर भारत में नहीं है. अगर ऊपर लिखे तथ्यों को पढ़ आपकी आँखों में विस्मय का भाव उभर रहा है तो नीचे दिये जा रहे विवरण आपके लिये ही लिखी गई है.


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भारत में ज्ञान की देवी के रूप में जिन चित्रों की पूजा कई वर्षों से की जाती रही है, उसी देवी की पूजा एशियाई देश जापान में भी की जाती है. जापान में सरस्वती के कई मंदिर हैं. सनातन धर्म में पूजे जाने वाले कई देवी-देवताओं जैसे गणेश, इंद्र और लक्ष्मी की पूजा वहाँ वर्षों से की जाती रही है. जापान में उन देवों की भी पूजा की जाती है जिन्हें सनातन धर्म के लोग शायद बिसर चुके हैं.


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किस नाम से जापान में जानी जाती है सरस्वती?

जापान में सरस्वती बेनज़ायटैन (辯才天) के नाम से जानी जाती है. जापान में देवी बेनज़ायटैन का सम्बन्ध बहने वाली सारी चीजों से है जैसे जल, संगीत, समय, शब्द आदि. जिस तरह सरस्वती के हाथों में वीणा होती है उसी तरह वो अपने हाथों में जापानी वाद्य यंत्र बिवा लिये होती है.


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बेनज़ायटैन(辯才天) के रूप

देवी बेनज़ायटैन (辯才天) या सरस्वती जापान में दो रूपों में पूजी जाती है. एक रूप में उनके आठ हाथ हैं तो पूजी जाने वाली दूसरे रूप में उनके कवल दो हाथें हैं. दो हाथों वाले रूप में वो वीणा जैसी एक जापानी वाद्ययंत्र बिवा धारण किये हुए है.


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कैसे सरस्वती जापान आई?

माना जाता रहा है कि सरस्वती छठी से आठवीं शताब्दी के बीच जापान आई. वहाँ उनका आगमन चीन के रास्ते हुआ.



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सबसे ऊँचा और आकर्षक मंदिर

सरस्वती या बेनज़ायटैन (辯才天) की सबसे ऊँचा और आकर्षक माने जाने वाला मंदिर जापानी शहर ओसाका के बेनटेन्शु में है. तकरीबन सरस्वती की सौ मंदिरों में यह संसार की सबसे ऊँचा और आकर्षक मंदिर है.Next…..


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