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इंसानियत सबसे पहला व सर्वोपरि धर्म ।

social welfare
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हम लोग जिस परिवेश व समाज मे रहकर अपना जीवन व्यतीत करते है उस समाज मे अनेक प्रकार के धर्म के अनुयायी व उन अनेक धर्मो को मानने वाले लोग रहते है । कोई व्यक्ति हिंदू धर्म को मानता है तो कोई मुस्लिम धर्म को । समाज मे रहने वाले लोग अपने अपने धर्मो के नियम व परंपराओं का पालन अपने अपने ढ़ंग से करते है । प्रत्येक व्यक्ति के लिए उसका धर्म ही श्रेष्ठ व सर्वोपरि होता है । लेकिन अपने धर्म को श्रेष्ठ व सर्वोपरि कहने से पहले वह व्यक्ति शायद यह बात भूल जाता है कि उसके धर्म से भी लाख गुना बढ़कर एक और धर्म है जो कि इंसानियत का । इंसानियत यानी की मानवता । मानवता का बखान शब्दो मे करना न के बराबर है। जैसे कि मैने कही पढ़ा था कि ‘मानवता का मानवता से जो नाता है वह किसी स्वार्थ का नाता नही है । ‘ एकमात्र इंसानियत ही तो है जो कि आज भी किसी धर्म की श्रेणी मे आने को मौहताज नही है । मानवता ही एकमात्र वह कर्तव्य रूपी धर्म है जिसको निभाने मे हर व्यक्ति स्वयं को लिए गौरवशाली समझता है ।उदाहरण के लिए एक व्यक्ति जो कि किसी दुर्घटना मे चोटिल हो जाता है और मदद के लिए पुकार लगाता है और एेसे मे कोई व्यक्ति मानवता के धर्म को मानकर उसकी सहायता कर दे तो शायद उस समय मानवता का धर्म उस व्यक्ति के धर्म से कई गुना ज्यादा अहमियत रखता है।मानवता के नाते यदि कोई व्यक्ति किसी की सहायता करता है तो इस बात मे कोई दो राय नही है किउस व्यक्ति को अवश्य ही पुण्य की प्राप्ति होगी। यदि हम किसी एेसे व्यक्ति की सहायता करते है जिसको सच मे हमारी सहायता की आवश्यकता है तो एेसा करने से बड़ा पुण्य का काम कोई और नहीं हो सकता है। अकसर लोग पुण्य प्राप्त करने के लक्षय को मन मे रखकर सैकड़ों मील दूर तीर्थ यात्रा करने जाते है लेकिन मेरा एेसा मानना है कि यदि हम सैकड़ो मील दूर तीर्थ स्थल पर जाने से पहले किसी जरूरतमंद व असहाय की इंसानियत के नाते सहायता करते है तो शायद हमे एेसा करने के लिए तीर्थ यात्रा करने से भी ज्यादा पुण्य प्राप्त होगा । वर्तमान समय मे जब किसी जरूरतमंद की सहायता करने की बात आती है तो अकसर हमने लोगो को एेसा कहते सुना होगा कि हमारा तो इससे कोई रिश्ता भी नही है तो फिर हम इसकी सहायता क्यो करे लेकिन एेसा कहने से पहले उन लोगो को यह जरूर सोचना चाहिए कि एेसा कोई व्यक्ति नही है जो कि जन्म से ही जरूरतमंद है और एेसा कोई व्यक्ति नही है जो कि कभी जरूरतमंद नही हो सकता है। इसीलिए हमे मानवता के नाते प्रत्येक जरूरतमंद की मदद करनी चाहिए। मेरा एेसा दावा है कि एक बार आप किसी जरूरतमंद की इंसानियत के नाते सहायता करके देखे आपको एक अदभुत आनंद की प्राप्ति होगी।

अमन सिंह ( सोशल एक्टिविस्ट) बरेली
मो. 8265876348

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