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एक व्यक्ति के उस दौर मे आने पर जब उसे अपने भविष्य की चिंता होनी शुरू हो जाती है सही रूप मे व्यक्ति का असली जीवन वही से शुरू होता है। व्यक्ति प्रारंभिक रूप से अपने भविष्य की चिंता के विषय में यही सोचता है कि वो दिन जल्दी आये जब वह एक कामयाब व्यक्ति बने। प्रत्येक व्यक्ति की यह चाह होती है कि समाज मे उसके नाम का बोल बाला हो। सामाजिक व आर्थिक प्रतिष्ठा उस व्यक्ति के साथ हो। व्यक्ति अपने जीवन को सफल व कामयाब बनाने के लिए मन लगाकर कार्य करने शुरू कर देता है। वह अपने कार्य इस मंशा से करता है कि जल्द ही उसे उसकी मेहनत का फल मिलेगा और कामयाबी उसके कदम चूमेगी। लेकिन इस धरती पर जन्मे प्रत्येक मानव का भाग्य एक समान नहीं होता है। दुनिया के सातों सुखों का सौभाग्य आज तक किसी को भी प्राप्त नही हुआ । जिस प्रकार सभी का भाग्य एक समान नही होता ठीक उसी प्रकार सभी को उनके जीवन मे कामयाबी मिल जाये यह भी संभव नही। कामयाबी भी उसी के कदमो को चूमती है जो उसे पाने के लिए दिन रात एक करने को तैयार रहता है। एक बहुत पुराना वैज्ञानिक सिद्धांत है कि रात को सोने से पहले सोची हुई बात हमे स्वप्न मे दिखाई दे सकती है क्योंकि सोने से पहले हम उसी के विषय मे चिंतन कर रहे थे। लेकिन यदि व्यक्ति सोने से पहले शान्त मन से अपनी कामयाबी के बारे मे सोचे व उसका चिंतन करे तो अवश्य ही उस व्यक्ति की कोशिश रंग ला सकती है। व्यक्ति को अपनी कामयाबी के लिए मेहनत के साथ-साथ सकारत्मकता का भाव भी अपने मन मे स्थापित करना होगा। क्योंकि कामयाबी पाने के लिए मेहनत और सकारात्मकता दोनों का होना नितांत आवश्यक है । इन दोनों में से किसी एक के भी ना होने की स्तिथि में कामयाबी को पाना नामुमकिन हो जाता है। कामयाबी पाने के लिए हमें अपने द्वारा की गई मेहनत को सकारात्मकता के रूप से करना चाहिए। हमें इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि हम अपनी कामयाबी के लिए जो मेहनत कर रहे हैं उसमें किसी भी तरह से नकारात्मकता प्रवेश नहीं करनी चाहिए। हमें प्रत्येक स्थिति में सिर्फ और सिर्फ यही चिंतन करना चाहिए कि हमें कामयाबी हासिल करनी है। और उस कामयाबी को हासिल करने के लिए हमें सकारात्मकता का भाव रखना पड़ेगा। सकारात्मकता हमें अपनी कामयाबी प्राप्त करने के लिए करने वाले कार्यों में एक ऊर्जा प्रदान करती है । हमारा मस्तिष्क सकारात्मकता के चलते ही हमारी कामयाबी के लिए किए गए संघर्षों में हमारा साथ देता है । मेरा ऐसा मानना है यदि व्यक्ति सोने से पहले अपनी सभी समस्याओं का त्याग कर अपने मस्तिष्क में सकारात्मकता का भाव रखते हुए अपनी कामयाबी के प्रति चिंतन करें तो अवश्य ही उसे कामयाबी हासिल होगी ।
लेखक अमन सिंह
(सोशल एक्टिविस्ट व आरटीआई एक्टिविस्ट)
प्रेमनगर , बरेली ,उत्तर प्रदेश
मो. 8265876348
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