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जैसा कि हम सभी जानते हैं कि शिक्षा हमारे युग के निर्माण में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखती है। बिना शिक्षा के सब कुछ अधूरा होता है ।शिक्षा एक ऐसा हथियार है , जिसके माध्यम से हम हर तरह की लड़ाई पर जीत हासिल कर सकते हैं। लेकिन आजकल के समाज में इस हथियार रूपी शिक्षा का लोगों ने मजाक बनाकर रख दिया है। आज से पहले के समय में बच्चे पढ़ाई को लेकर बहुत ही उत्सुक रहते थे । कुछ बच्चे सेल्फ स्टडी तो कुछ बच्चे ग्रुप स्टडी में फोकस किया करते थे । लेकिन बीते कई वर्षों से ऐसा देखने को मिल रहा है कि बच्चे ग्रुप स्टडी व सेल्फ स्टडी को छोड़कर कोचिंग में जाकर स्टडी करना पसंद करते हैं। बच्चों को ऐसा लगता है कि ग्रुप स्टडी व सेल्फ स्टडी से ज्यादा अच्छी पढ़ाई किसी अच्छे और प्रतिष्ठित कोचिंग इंस्टिट्यूट में जाकर पढ़ने से होती है । लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है, जितनी अच्छी पढ़ाई ग्रुप स्टडी व सेल्फ स्टडी में होती है उतनी अच्छी पढ़ाई कहीं भी नहीं हो सकती है। बड़े-बड़े प्रतिष्ठित कोचिंग इंस्टिट्यूट सिर्फ और सिर्फ भीड़ बढ़ाने का काम करते हैं । तथा वहां पर बच्चों को समझा कर न पढ़ाकर बल्कि उन्हें तोते की तरह रटकर याद करने की प्रेरणा दी जाती है। जो कि हमारे भविष्य का निर्माण करने वाले स्टूडेंट्स के भविष्य के साथ खिलवाड़ के समान है। कई बच्चे तो कोचिंग इंस्टिट्यूट में सिर्फ इसलिए जाना पसंद करते हैं कि उनके कुछ दोस्त भी वहां पढ़ने आते हैं तथा इसी कारण से उनकी देखा देखी करके वह बच्चे भी उसी इंस्टिट्यूट में जा कर पढ़ना पसंद करते हैं। आजकल के समय में बच्चे पढ़ाई पर ध्यान न देकर एक दूसरे के सामने अपनी प्रतिष्ठा को बढ़ाने में ज्यादा ध्यान देते हैं ज्यादातर बच्चे तो कोचिंग में पढ़ने नहीं बल्कि फैशन दिखाने आते हैं। उनका मुख्य उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ अपने पद और प्रतिष्ठा का प्रचार करना होता है ना कि पढ़ना। बच्चों को सेल्फ स्टडी पर ज्यादा फोकस करना चाहिए क्योंकि सेल्फ स्टडी से अच्छी स्टडी कोई भी नहीं हो सकती।
लेखक:-
अमन सिंह
(सोशल एक्टिविस्ट व आरटीआई एक्टिविस्ट) प्रेमनगर , बरेली
मो.8265876348
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