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जैसा कि हम सभी को पता है कि वर्ष 2018 का बजट पेश हो चुका है। जिसमें वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा गरीबों को काफी सारी सौगातें दी गई है। जैसा कि बजट में देखा गया के मध्यम वर्गीय लोगों को इस बजट से थोड़ी कम राहत प्राप्त होती दिख रही है। वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा जारी किया गया यह पांचवा बजट था। तथा ऐसे ही करके वित्त मंत्री अरुण जेटली उन चुनिंदा लोगो की लिस्ट मे शामिल हो गए जिन्होंने लगातार पांच बजट पेश किए हो ।माननीय वित्त मंत्री अरुण जेटली जी द्वारा जारी किये गए बजट में शिक्षा वर्ग की हालत को सुधारने के लिए स्मार्ट क्लासेज का जिक्र किया गया। लेकिन शायद माननीय वित्त मंत्री अरुण जेटली इस बात से अनजान है कि जिन प्राइमरी व सरकारी स्कूलों में दीवारे तक ठीक नहीं बनी है वहां स्मार्ट क्लासेस कैसे चल सकती हैं। शायद माननीय वित्त मंत्री जी इस बात से अनजान हैं जिन स्कूलों में बच्चे जमीन पर बैठते हैं वहाँ के लिए स्मार्टक्लासेस के सपने दिखाना शिक्षा प्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाता है। माननीय वित्त मंत्री अरुण जेटली जी का शिक्षा के प्रति रुझान काफी सराहनीय है। लेकिन इससे पहले सरकार को शिक्षा की हालत सुधारने होगी। सरकार को प्राइमरी स्कूलों में एक अच्छी शिक्षा व्यवस्था हो सके इस बात को प्राथमिकता देनी होगी। सरकार को सुनिश्चित करना होगा क्या वह प्राइमरी व सरकारी स्कूल इस योग्य हैं कि वहाँ स्मार्ट क्लासेस चल सके ।जहां तक मेरा मानना है कुछ प्राइमरी सरकारी स्कूल तो ऐसे हैं जहां पर ब्लैक बोर्ड भी सही रूप से उपलब्ध नहीं है। सरकार को पहले बिगड़ी हुई शिक्षा व्यवस्था को एक सही राह पर लाना होगा। बाद में स्मार्ट क्लासेस व ऐसी अन्य योजनाएं लाकर शिक्षा व्यवस्था को और भी अच्छा बनाया जा सकता है।
अमन सिंह (सोशल एक्टिविस्ट व आरटीआई एक्टिविस्ट)
प्रेमनगर, बरेली , उत्तर प्रदेश
मो.8265876348
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