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ठण्ड नहीं लगती (लघु कथा )

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1 )
ठण्ड नहीं लगती

ठण्ड मुझे तब भी नहीं लगती थी …ठण्ड मुझे अब भी नहीं लगती है .”बेटे की बात सुन स्त्री मन इतना ही कह पाया .

(प्यार …मनसा वाचा कर्मणा ….प्यार …विचार में …प्यार वचन में ….प्यार कर्म में …असल वैलेंटाइन को प्यार के प्रदर्शन की भूख नहीं होती है……)

2)

तांडव

रंग बिरंगी कठपुतलियां नाचती थिरकती बहुत अच्छी लग रही थीं.पर यह क्या ….कठपुतलियों को बहुत ऊब सी हो रही थी ..सदियों से मनुष्य के इशारे पर नाचने वाली कठपुतलियों में अचानक ही ना जाने कहाँ से ताकत आ गई .आतंकवाद ,नस्लवाद,भाई भतीजावाद ,धार्मिक उन्माद ,साम्प्रदायिकता की शक्ल ले इन कठपुतलियों ने नचानेवालों को ही अपने इशारों पर नचाना शुरू कर दिया .कठपुतलियों को अब यह तांडव बहुत पसंद आ रहा था .

3)

घोंघा बनाम गौरैया

आज बगीचे में बहुत सारे घोंघे देख चंदा फिर से स्वयं को ऐसे समाज में पा रही है जहां वह एक दो नहीं बल्कि कई घोंघों के बीच रेंग रही है.अपनी पीठ पर अपने अपने पति की सामाजिक पद प्रतिष्ठा के अहंकार भरे कवच को उठा कर गर्वीली चाल रेंगते लिज़लिज़े से घोंघे …किसी भी हलके से बाह्य छुअन से ही वे कवच में छुप जाते हैं. उनमें इतना सामर्थ्य ..इतना साहस नहीं कि इस छुअन का सामना कर सकें.दुर्भाग्य यह कि कवच बचे रह जाते हैं पर घोंघे अंदर ही मर जाते हैं.चंदा ने आकाश की ओर देख कर ईश्वर से प्रार्थना की कि वे उसे गौरैया बना दे …स्वछन्द सी चिड़िया जहां चाहे उड़ सके जिस डाल पर चाहे अपना आशियाना बना सके .समाज में अपनी तरह अन्य चिड़ियों के साथ चहचहा सके .वह घोंघों के बीच नहीं चिड़ियों के बीच रहना चाहती है.

4)

हथौड़ा

उसे शक्तिशाली होने का भ्रम भी दे दिया था .उसके सामने ही एक खूबसूरत मूर्ति रखी थी .अभी अभी उसकी पत्नी ने शिकायत की थी की मूर्ति में खोट है.वह पत्नी प्रेम का अंधभक्त था या हथौड़े की शक्ति के गुमान में था …ठीक ठीक कह पाना मुश्किल था …पर हाँ …उसने एक बार भी स्वयं की दृष्टि विवेक से मूर्ति पर विचार नहीं किया और हथौड़े से मार कर उसके टुकड़े टुकड़े कर दिए .बिखरे टुकड़ों का वजन तो अब भी मूर्ति के वजन के बराबर ही था …पर मूर्ति की सुंदरता तो सदा के लिए चली गई थी.उस सुंदरता के वजन को मापने के लिए कोई तराज़ू नहीं होता वह तो दृष्टा की आँखों में ही होता है .यह …हथौड़े की शक्ति / पत्नी प्रेमांध ने …उसे कभी समझने ही नहीं दिया . एक सर्जक और विध्वंसक के बीच का फर्क उसने साबित कर दिया था .

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