V2...Value and Vision
- 259 Posts
- 3039 Comments
चलते-चलते कर्तव्यों के पथ पर
छाले पड़े अधिकारों की ख्वाहिश में
ज़मीन पर निगाहें टिकी रही बरसों
फुर्सत नहीं कि तलाश लूँ आसमां
वेदना दुःख पीड़ा की चीत्कार में
दहेज़,भ्रूण ह्त्या से अत्याचार में
खो ही तो रहा था अस्तित्व मेरा
नहीं…….बस ….और नहीं ….
अब तलाशुंगी वजूद अपना ,
माजुँगी अपनी अन्तर्निहित शक्तियों को
बताउंगी ज़मीं से लेकर आसमां को
क्या होता है
स्त्री के मौन में छुपा रहस्य
स्त्री शक्ति का सही अर्थ .
इस वैचारिक मंच से जुड़े प्रत्येक सदस्य को
यमुना पाठक की तरफ से नवरात्रि की बहुत सी शुभकामना
Read Comments