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7 अंकों वाला love (प्यार-मनुहार)

V2...Value and Vision
V2...Value and Vision
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प्रिय पाठकों
पूरे विश्व को एड्स जैसी बीमारी से सचेत और सजग करने के हेतु एक दिसंबर ‘विश्व एड्स दिवस’ के रूप में मनाया जाता है.पिछली बार इस दिवस पर मैंने ‘प्रेम की दैहिक भाषा ‘ब्लॉग लिखा था.यूँ तो इस रोग की कई वज़हें हैं पर विवाह व्यवस्था और उसकी शुचिता से भी इसकी रोकथाम कुछ हद तक अवश्य सम्भव है.सात फेरे;सात वचनों वाली भारतीय विवाह संस्था की शक्ति,मर्यादा,पवित्रता पूरे विश्व पटल पर एक मिसाल है यह दो व्यक्तियों,दो वंशों ,दो परिवारों के मिलन के साथ ही अत्यन्त उत्कृष्टता से आध्यात्मिक शक्तियों का भी मिलन है.इसी भाव पर आधारित कुछ प्यार मनुहार की लघु कविताएँ लिख रही हूँ.

1)

बड़ी/छोटी गोल दुनिया

दायरा तुम्हारा है अत्यंत बड़ा
समाते हैं उसमें दुनिया जहां के लोग
परिवार से सम्बंधित
कार्यालय से सम्बंधित
तुम सब की चिंता में मग्न
ज़ेहन में तुम्हारी …
कई कामों की रूप-रेखा.
पर………
मेरी दुनिया का दायरा
बहुत सिमटा हुआ है
वह है…
मेरे माथे की छोटी सी गोल बिंदी में
तुम्हारे लिए रचती  गोल रोटी में

अच्छा लगता है जीना मुझे
अपनी इन छोटी-छोटी
गोल दुनिया में
जो समेट लेती है
तुम्हारी वो बड़ी सी दुनिया.

2)

सुवासित लम्हे

एक रात जब भर लिया था
मैंने
अपनी हथेलियों को
रातरानी के फूलों से
और….
महक उठी थी दरो-दीवार
तुमने पूछा….
भाते नहीं क्यों तुम्हे कभी
सुन्दर,महकते लाल गुलाब??
भा जाते हैं बस…
रजनीगंधा,मधुमालती
हरसिंगार,रातरानी और पारिजात.
मैंने धीरे से कहा
क्योंकि…….
ये सभी खिलते हैं बहुतायत से
ठीक तुम्हारे प्यार की तरह
आधिक्य में,
खुशबुओं से लबरेज़
मेरे छोटे-छोटे लम्हों को
सुवासित कर जाते हैं.

3)

पूर्ण विराम

तुम साथ हो मेरे….
ख्वाहिश नहीं मुझे अब कोई
तुम्हे छूना,तुम्हे निहारना
सम्पूर्णता से तुम्हे पाना
अपनी खुशी,अपने आंसू को
‘मैं’ से ‘हम’ में
तब्दील होते देखना
मेरी हर ख्वाहिश में
लगा देता है पूर्ण विराम.

4)

सेलिब्रेशन

नहीं करती नज़रअंदाज़…
तुम्हारी किसी बात को मैं
तुम्हारी छोटी से छोटी खुशी
हैं मेरी ज़िंदगी के हार के
छोटे-छोटे फूल की मानिंद
जब-जब पिरोती हूँ
उन छोटे-छोटे फूलों को
हाथ चलते हैं
पर मन….
उस हर खुशनुमा पल को
करता है सेलिब्रेट
बन जाता है जब पूरा हार
जीवन स्वयं हो जाता है
‘एक सेलिब्रेशन’.

5)

लॉन्ग ड्राइव

एक पल जो …
बेइंतहां भाता है मुझे
तुम्हारे साथ….
लॉन्ग ड्राइव पर जाना
तुम्हारे पसंदीदा गानों पर
तुम्हारा मंद-मंद मुस्काना
उन्हें अपनी धुन में गुनगुनाना
मैं तुम्हे निहारते सोचती हूँ…..
तुम्हारे व्यक्तित्व में
कैसा चुम्बकीय आकर्षण है
तुम्हारी निगाहें पल भर को
हट जाती हैं सड़क से
सहसा पूछ बैठते हो…
क्या सोच रही हो ????????

मेरा चोर मन कहता है
देखो…देखो….
छूटे जा रहे हैं नदी-नाले शहर -गाँव
इमारतें जंगल और उद्यान
तुम हंस कर कहते हो
छूट जाने दो
बाज़ार गलियाँ दरो दीवार
बस छूटे ना
हमारा साथ…..
आये कभी ना
इस लॉन्ग ड्राइव का गंतव्य
इसकी मंज़िल दूर और दूर होती जाए
वो सामने दिखते …
क्षितिज की तरह .

6)

छोटी-छोटी खुशी

कहते हो यह अक्सर तुम
दिल से कभी लगाया ना करो
दुनिया जहां की…
छोटी-छोटी बातों को
रहो खुश हमेशा
हंसती-खिलखिलाती
हर उठती-गिरती लहरों में
क्योंकि…..
मेरी ज़िंदगी
चलायमान,गतिशील है
दुनिया जहां की
छोटी-छोटी बातों से नहीं
बल्कि……….
तुम्हारी छोटी-छोटी
खुशियों से.

7)

नुमाइश

ठन्डे मौसम में देर रात
कंप्यूटर स्क्रीन पर….
उभर रही थी तकरीरें
हमारे प्रेम की इबारतें
धीरे-धीरे……….
तुम जागे आधे नींद से
पूछा…
नहीं आओगी सोने ??????????
टाइप कर रही हूँ
पहुंचा रही हूँ
हमारे प्यार को
जग के कोने-कोने में
मुस्काते हुए कहा था मैंने…
उनींदी आँखों से अस्फुट से शब्दों में
कहा तुमने…
प्यार को प्यार तक ही रहने दो
नुमाईश में यह
तोड़ देता है दम

थम गई की बोर्ड पर
कपकम्पा कर उंगलियां
फड़फड़ा कर बंद हो गई
लाल डायरी.
कितना सच कहा तुमने !!!!!!!!!!!!!
तुम्हारा सारा प्यार…
कैद कर लिया अंतस में मैंने
कभी जगजाहिर ना करने के लिए .

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