V2...Value and Vision
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मैंने पूछा…
स्त्री का अस्तित्व क्या है ????
एक शून्य….(0)
कही दूर से प्रतिध्वनि गूंजी…
चलो मैंने मान लिया..
परन्तु अब मेरी भी सुनो …..
स्त्री..है
बेशक एक शून्य
जिसे उचित स्थान दिया जाए तो
इजाफा करती है..
पुरुष के व्यक्तित्व में
परिवार के अस्तित्व में
समाज के कृतित्व में
बशर्ते…
उसे महत्त्वपूर्ण मान रखा जाए
पुरुष के दाईं तरफ..
शास्त्रों ने उसे पुरुष का वाम पक्ष माना..
और कर दिया महत्वहीन.
भारत वर्ष ने दिया..
संपूर्ण विश्व को शून्य का ज्ञान
शून्य के ज्ञान के साथ है ज़रूरी
शून्य के स्थान का महत्व
शून्य बढाता है दस गुना….(10)
इकाई के महत्व को
बस उसे स्थान मिले सदा
इकाई की दाईं तरफ….
हाथ तो दोनों ज़रूरी हैं,
पर प्रायः दाहिना हाथ ही
बाएं से ज्यादा महत्व रखता है.
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