Menu
blogid : 5476 postid : 242

gandhis & bhuttos ( गांधीज एवं भुत्टोज़ ) : एक ही रंग

kahi ankahi
kahi ankahi
  • 66 Posts
  • 3690 Comments

जागरण जंक्शन के सुधि पाठक भली भांति जानते हैं कि कुछ दिन पहले पाकिस्तानी सदर आसिफ अली ज़रदारी , भारत के प्रधानमंत्री के बिन बुलाये मेहमान बने ! अब क्योंकि ज़रदारी को आदत है देशाटन करने की इसलिए वो जब चाहा मुंह उठाये चल देते हैं किसी भी देश की यात्रा करने के लिए ! कभी अमेरिका , कभी लन्दन और कभी दुबई ! सोचा होगा एक बार हिंदुस्तान भी हो ही आते हैं , सैर भी हो जाएगी और सम्बन्ध सुधारने की बेढंगी बात भी चल जाएगी ! जियारत तो एक बहाना था ! पाकिस्तान के सदर हैं तो जिस देश में जायेंगे , मेहमान नवाजी तो मिलेगी ही ! चकाचक मुर्गमुसल्लम मिलेगा, खुद को भी और बिलावल को भी ! तो खाली पड़े थे पाकिस्तान में , आदेश कर दिया पायलट को कि चलो आज हिंदुस्तान घूमने चलते हैं ! बिलावल को भी बुला लिया और बेटियों को भी ! पिकनिक पर जा रहे हैं ! उल्लू के पट्ठों के देश में ! जिसे हिंदुस्तान कहते हैं ! तो उठाया अपना प्राइवेट जेट , और निकल लिए हिंदुस्तान की सैर करने को ! ATF कितना भी महंगा हो , पाकिस्तान की जनता भूखी मरे तो मर जाये , अपने बाप का क्या जाता है ? बस आता ही आता है ! ये वोही ज़रदारी है जिसे 11 साल पाकिस्तान की जेल में रखा गया था भ्रष्टाचार के आरोप में ! अब वहाँ का राष्ट्रपति हैं ! भारत आये तो अतिथि देवो भवः का पालन करते हुए यहाँ हिंदुस्तान में स्वागत करने वालों की लाइन लग गई , रेड कारपेट बिछ गए ! वाह ! आखिर उनका यानि गांधियों का भाई जो आ रहा था ! अपना रिश्तेदार जो आ रहा था ! प्रधानमंत्री भी कहाँ हटने वाले थे , पेश कर दिया लंच ! और बुला लिया सोनिया और राहुल को लंच में ! भाई उनसे बड़ा देश भक्त इस हिंदुस्तान में और कोई है भला ? ना राहुल गाँधी जैसा नेता मिला है कभी ना इस वक्त है पूरे हिंदुस्तान में ? तो इन्हें ना बुलाते तो सरकार कैसे चलती , प्रधानमंत्री की कुर्सी ना सरक जाती नीचे से ! ये भी तो चल देते हैं मुंह उठाये , कहीं भी ! सोनिया मैडम अभी हाल ही में 1854 करोड़ खर्च करके आई हैं अमेरिका में इलाज़ के बहाने !

कुछ हाथ से उसके फिसल गया

वह पलक झपक कर निकल गया

फिर लाश बिछ गयी लाखों की

सब पलक झपक कर बदल गया

जब रिश्ते राख में बदल गए

इंसानों का दिल दहल गया

मैं पूछ पूछ कर हार गया

क्यों मेरा भारत बदल गया ..

लंच का समय :सब बैठे हैं खाने की टेबल पर

मनमोहन सिंह ज़रदारी से : (बहुत धीमी आवाज़ में ) ज़रदारी जी , वो विपक्ष वाले कह रहे हैं कि आप ने आतंकवादियों पर कोई कार्यवाही नहीं करी ?

ज़रदारी : ऐसा नहीं है , मनमोहन जी ! आप हमें सुबूत दीजिये हम कार्यवाही करेंगे !

मनमोहन सिंह : जी , बिलकुल ठीक ! ओके ! ओके मैडम ! राहुल बाबा ! मैंने अपना काम कर दिया ! अब तो कुर्सी नहीं जाएगी ?

राहुल : नहीं , नहीं ऐसी कोई बात नहीं मनमोहन जी ! आप बेफिक्र रहिये !

बिलावल राहुल से : कुछ बैंक बैलेंस बढ़ा ?

राहुल : कहाँ यार ! कहीं सरकार ही नहीं बनी !

सोनिया ज़रदारी से : आपका स्विस बैंक का क्या चल रहा है ?

ज़रदारी : ऐं ! क्या कहा आपने ! ( टांग चबाने में व्यस्त था तो सुनता कैसे )

सोनिया : मैंने आपसे पूछा कि स्विस बैंक का क्या चल रहा है ?

ज़रदारी : अरे कुछ नहीं , उन्होंने फिर कहा है कि कोई दिक्कत नहीं है !

सोनिया : हमारा पैसा फँस तो नहीं जायेगा ?

ज़रदारी : आप खामखाँ ही परेशां हो रही हो सोनिया जी , मैं इसीलिए तो हिंदुस्तान में आया हूँ ! आपको बताने के लिए कि कोई परेशानी नहीं है ! स्विस वालों से अपने और आपके पुराने रिश्ते हैं !

सोनिया : ओके ! ओके ! थैंक्स !

खाना पीना ख़त्म हो गया ! बाहर निकालने की तैयारी ! गैलरी में बिलावल राहुल से : और चचा ! हिंदुस्तान के वजीरे आज़म कब बन रहे हो ?

राहुल : मुश्किल सा लग रहा है यार ! बहुत सारे देश भक्त हो गए हैं इस देश में !

बिलावल : अरे हाँ ! नाम सुना था अन्ना हजारे , बाबा ! कौन हैं वो ?

सोनिया बीच में बोल गईं : अब चुप रहो तुम दोनों ! ज़रदारी जी बाहर क्या बोलना है , पता है ना आपको ?

ज़रदारी : फिकर नॉट ! मैं सब जानता हूँ ! कैसे लोगों को बेवक़ूफ़ बनाया जाता है ! ओके

सोनिया मनमोहन से : आपको बताने की जरुरत है क्या ?

मनमोहन सिंह : नो मैडम , सब रट लिया है ! कल से रट रहा हूँ !

बाहर आकर रटी रटाई बातें कह दी गईं और फिर अजमेर के लिए रवाना !

हवाई जहाज़ में बिलावल और ज़रदारी की बेटियां : अब्बा ! आप तो पूरे महारथी हो गए हो ! क्या जवाब दिया !
ज़रदारी : बेटा , इसीलिए तो मैंने हिंदुस्तान को उल्ले के पट्ठों का देश कहा था ! हम यहाँ आतंकवादी हमले भी करते हैं , चाइना से इन्हें डराते हैं , काश्मीर काश्मीर करते हैं ! लोगों को मारते हैं ! और फिर भी ये हमारे लिए रेड कारपेट बिछाते हैं ! है कि नहीं ! सीख लो बिलावल ! कुछ सीख लो ! जो रुतबा हमारा पाकिस्तान में है वो ही यहाँ के लोगों ने गांधियों को दे रखा है इसलिए राहुल चाचा से मिलते रहना !

मित्र लोगो यहाँ इन दोनो परिवारों की कुंडली प्रस्तुत कर रहा हूँ ! लेख कुछ बड़ा हो गया है , माफ़ करें !

रहत इन्दोरी साब के शब्दों में :

यह जब्र भी देखा है तारीख की नज़रों ने ,
लम्हों ने ख़ता की थी सदियों ने सज़ा पाई .

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh