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राहुल गाँधी जवाब तो तुम्हें ही देना होगा !

kahi ankahi
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कॉंग्रेस के महासचिव राहुल गाँधी आजकल उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र गाँव गाँव , शहर शहर धूल फांक रहे हैं | कभी उन्हें उत्तर प्रदेश में ही आकर गुस्सा आने लगता है तो कभी कोई नया नारा देने लगते हैं | आजकल उनका नारा चल रहा है ” जवाब हम देंगे ” | जी हाँ राहुल जी सही बात है जवाब आप ही देंगे | आपको ही जवाब देना होगा |

भारत को ६५ वर्षों की आज़ादी के बाद भी खस्ता हाल रहने की वज़ह का जवाब आप ही देंगे |

भारत में कॉंग्रेस के नेताओं का द्वारा किये गए भ्रष्टाचार का जवाब आप ही देंगे |

भारत से चुराकर विदेशों की बैंकों में रखे धन का जवाब आप ही देंगे |

भ्रष्ट मंत्रियों को बचाने की प्रवृति का जवाब भी आप ही देंगे |

अन्यथा फिर जवाब हम देंगे | और जब हम जवाब देते हैं तो अच्छे अच्छे अपने घर में जाकर छुप जाते हैं क्योंकि ये कोई नेता का भाषण नहीं , ये जनता की आवाज़ होती है जो बहरी सरकारों को भी सुनाई देने लगती है | हम सब जानते हैं कि कॉंग्रेस 90 के दशक से उत्तर प्रदेश में अपना ठिकाना तलाश रही है , कभी नए नारों से कभी नए चेहरों से | लेकिन हकीकत कुछ अलग है | 1 लाख 76 हज़ार करोड़ रुपये का २ जी घोटाला , उत्तर प्रदेश की हालत को सुधार सकता था , 70 हज़ार करोड़ का कॉम्मन वैल्थ खेल घोटाला जो हुआ, उससे जाने कितने स्कूल बनाये जा सकते थे | इसका जवाब कौन देगा ? कोई आसमान से आएगा ? या मीठा मीठा बोलने के लिए राहुल गाँधी , खट्टा खट्टा बोलने के लिए दिग्विजय सिंह | बहुत बढ़िया तरीका है राहुल जी ! केंद्र में बैठकर देश को खा जाओ , उत्तर प्रदेश में आकर प्रदेश बचाने की बात करो | उत्तर प्रदेश भी तो हिंदुस्तान का ही हिस्सा है , फिर ये डबल स्टेंडर्ड क्यों ? कैसे मान लिया जाये कि आप उत्तर प्रदेश में आकर भी लूट का खुला खेल जरी नहीं रखेंगे ?

ये कहीं किसी संविधान में लिखा है कि गाँधी नेहरु परिवार का ही आदमी भारत का प्रधानमंत्री बनेगा | क्या वो सामान्य नागरिक नहीं होगा ? अगर राहुल आज गाँधी न होते , मेरी तरह या आपकी तरह शर्मा , वर्मा , मल्होत्रा या सिंह होते उन्हें कौन घास डालता ? अब क्योंकि जनता जागरूक हो रही है और कॉंग्रेस को अपना 65 वर्षों का झूठ का साम्राज्य दरकता दिखाई दे रहा है , इसलिए राहुल को नए नए नारे गढ़ने पड़ रहे हैं | अत्याचार का अगर नमूना देखना हो तो जरा राजस्थान का जिक्र करिए ? संवादहीनता और संवेदनशीलता का नमूना देखना हो तो सिक्किम को देखिये जहाँ भूकंप के एक महीने बाद भी जरुरी चीजें नहीं पहुँच रही | अकर्मण्यता देखनी हो तो मणिपुर देखिये जहाँ एक महीने से रास्ता जाम है | भ्रष्ट और चोरों को सरकार में देखना है तो महाराष्ट्र चलिए या दिल्ली आ जाइये | ऐसी निकम्मी सरकार के होते हुए क्या ये उम्मीद करी जा सकती है कि कॉंग्रेस हमें सुशासन देगी ? राहुल जी को पहले अपनी सरकारों को सामान्य जनता के भरोसे पर खरा उतरना सिखाना होगा तब कहीं देश के सबसे बड़े राज्य में उसका अस्तित्व बचा रह सकता है |

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